!! ॐ !!


Thursday, October 27, 2011

!! अपनी उंगली थमाना, मेरे सांवरे... !!



निर्मल मन से, सजल नयन से, माँगू यही वरदान...
भूले से न भूलू तुझे मैं, मेरे प्रियतम श्याम...




परन्तु, संभवतः... हे! मेरे श्यामसुन्दर... हे! मेरे सांवरे...



मैं तुझे गर कहीं भूल जाऊं कभी, तू मुझे ना भुलाना मेरे सांवरे...
जो भटक भी गया राह में मैं कभी, अपनी उंगली थमाना मेरे सांवरे...



मुझको तेरा ही है एक आसरा...
मेरा तेरे सिवा ना कोई दूसरा...
रूठना ना कभी तुमको मेरी कसम...
रूठना ना कभी तुमको मेरी कसम...



मैं तुझे गर कहीं भूल जाऊं कभी, तू मुझे ना भुलाना मेरे सांवरे...
जो भटक भी गया राह में मैं कभी, अपनी उंगली थमाना मेरे सांवरे...



तेरा मेरा ये रिश्ता है प्यार का,...
मैं हूँ पागल दीवाना दीदार का...
है बुरे सांवरे देख मेरे करम,
है बुरे सांवरे देख मेरे करम,



मैं तुझे गर कहीं भूल जाऊं कभी, तू मुझे ना भुलाना मेरे सांवरे...
जो भटक भी गया राह में मैं कभी, अपनी उंगली थमाना मेरे सांवरे...



तुमसे बाँधी है जीवन की डोर ये...
मेरी भूलो पे करना न गौर रे...
कर जरा 'हर्ष' पे श्याम थोड़ी रहम...
कर जरा भगत पे श्याम थोड़ी रहम...



मैं तुझे गर कहीं भूल जाऊं कभी, तू मुझे ना भुलाना मेरे सांवरे...
जो भटक भी गया राह में मैं कभी, अपनी उंगली थमाना मेरे सांवरे...



!! जय जय सांवरे श्यामसुन्दर जी की !!
!! जय जय सांवरे श्यामसुन्दर जी की !!
!! जय जय सांवरे श्यामसुन्दर जी की !!



भजन : "श्री बिनोद अग्रवाल जी"

Saturday, October 22, 2011

!! अपनी करुणा बरसा दो प्रभु, मैं खाली झोली लाया हूँ... !!



हे मेरे श्यामसुन्दर, हे करुणाकर प्रभु... हे दीनबंधु भगवन...


दीनानाथ, दीनबंधु है तू, मैं तेरी शरण में आया हूँ....
अपनी करुणा बरसा दो प्रभु, मैं खाली झोली लाया हूँ...
दीनानाथ दीनबंधु है तू, मैं तेरी शरण में आया हूँ....
अपनी करुणा बरसा दो प्रभु, मैं खाली झोली लाया हूँ...



हे दयानिधि, हे करुणासिंधु, निज भक्तन का प्रतिपाल है तू...
तेरे द्वार से खाली क्यूँ जाऊं, अपने को अकेला क्यूँ पाऊं...
कल तुझमे ही समा जाऊंगा, मैं आज जो तुझसे बिछड़ा हूँ...
दीनानाथ, दीनबंधु है तू, मैं तेरी शरण में आया हूँ....



दीनानाथ दीनबंधु है तू, मैं तेरी शरण में आया हूँ....
अपनी करुणा बरसा दो प्रभु, मैं खाली झोली लाया हूँ...



मैं योग ना जानू, न जप जानूं, पूजा पाठ ना जानू न विधि जानू...
मैं लोक न जानू न जग जानू, तुमको अपना सब कुछ मानू...
मुझे अपने शरण में ले लो प्रभु, इस दुनिया का ठुकराया हूँ...
दीनानाथ दीनबंधु है तू, मैं तेरी शरण में आया हूँ....



दीनानाथ दीनबंधु है तू, मैं तेरी शरण में आया हूँ....
अपनी करुणा बरसा दो प्रभु, मैं खाली झोली लाया हूँ...



प्यारे मुझपर उपकार करो, मेरी नैया भव से पार करो...
अज्ञानी हूँ कुछ ज्ञान भरो, अपनी कृपा का विस्तार करो...
प्रेम अश्रु लिए तेरे द्वार खड़ा, मैं बनकर भिखारी आया हूँ...
दीनानाथ दीनबंधु है तू, मैं तेरी शरण में आया हूँ...



दीनानाथ दीनबंधु है तू, मैं तेरी शरण में आया हूँ....
अपनी करुणा बरसा दो प्रभु, मैं खाली झोली लाया हूँ...
दीनानाथ दीनबंधु है तू, मैं तेरी शरण में आया हूँ....
अपनी करुणा बरसा दो प्रभु, मैं खाली झोली लाया हूँ...



!! जय जय करुणाकर, दीनबंधु श्यामसुन्दर की !!
!! जय जय दयासिन्धु, कृपानिधि श्यामसुन्दर की !!


Saturday, October 15, 2011

!! नयनों से दूर न होना, न होना, मेरे प्राण प्यारे... !!


निर्मल मन से, सजल नयन से, माँगू यही वरदान...
इन अँखियो से दूर न होना, मेरे प्रियतम श्याम...


हे! प्यारे श्यामसुन्दर... हे मेरे गोविन्द...



नयनों से दूर न होना, न होना मेरे श्याम प्यारे...
नयनों से दूर न होना, न होना मेरे प्राण प्यारे...



श्याम पियारे, प्राण हमारे...
श्याम पियारे, प्राण हमारे...
नयनों से दूर न होना, न होना मेरे प्राण प्यारे...
नयनों से दूर न होना, न होना मेरे श्याम प्यारे...



जग से हारा, बालक तुम्हारा...
तेरी शरण में पड़ा है बिचारा...
दया की नजर अब करो न, करो न, मेरे श्याम प्यारे...
दया की नजर अब करो न, करो न, मेरे प्राण प्यारे...



आस दरश की कब से लगी है...
बड़ी छोटी सी मेरी जिंदगी है...
टूट न जाये खिलौना, खिलौना, मेरे श्याम प्यारे...
टूट न जाये खिलौना, खिलौना, मेरे प्राण प्यारे...



पाप किया है, मैंने भारी...
फिर भी सुध प्रभु ले लो हमारी...
गलती को मेरी गिनो न, गिनो न, मेरे श्याम प्यारे...
गलती को मेरी गिनो न, गिनो न, मेरे प्राण प्यारे...



दर्शन तेरा, पाकर रहेंगे...
दिल की व्यथाये सारी, तुझसे कहेंगे...
बालक की अरज सुनो न, सुनो न, मेरे श्याम प्यारे...
बालक की अरज सुनो न, सुनो न, मेरे प्राण प्यारे...



श्याम पियारे, प्राण हमारे...
श्याम पियारे, प्राण हमारे...
नयनों से दूर न होना, न होना मेरे प्राण प्यारे...
नयनों से दूर न होना, न होना मेरे श्याम प्यारे...



नयनों से दूर न होना, न होना मेरे श्याम प्यारे...
नयनों से दूर न होना, न होना मेरे प्राण प्यारे...



!! जय जय प्यारे श्यामसुन्दर जी की !!
!! जय जय प्यारे श्यामसुन्दर जी की !!
!! जय जय प्यारे श्यामसुन्दर जी की !!


Tuesday, October 11, 2011

!! करूँ क्या आपसे परदा, सोच परदा हटाया हूँ... !!



अगर दीन बनना ही है तो किसी और के सामने क्यूँ बनू...
अगर दीन बनना ही है तो, दीनानाथ के सामने क्यूँ न बनू...

इसलिए, हे मेरे श्यामसुन्दर, हे मेरे मनमोहन, हे दीनो के दाता...


तेरे दरबार में दाता, सुनाने दिल की आया हूँ...
करूँ  क्या आपसे परदा, सोच परदा हटाया हूँ...
तेरे दरबार में दाता, सुनाने दिल की आया हूँ...
करूँ क्या आपसे परदा, सोच परदा हटाया हूँ...



जिसे भी जानकर अपना, राज़ दिल का बता डाला...
हुआ क्या हाल मत पूछो, कलेजा ही जला डाला...
गैर तो गैर थे फिर भी, चोट अपनों की खाया हूँ...
करूँ क्या आपसे परदा, सोच परदा हटाया हूँ...



तेरे दरबार में दाता, सुनाने दिल की आया हूँ...
करूँ क्या आपसे परदा, सोच परदा हटाया हूँ...



जहान में शोर है ऐसा, नहीं कोई श्याम के जैसा...
निभाता प्रेम प्रेमी से, चलो देखू तू है कैसा...
सोचकर मन में ये मोहन, तेरे नजदीक आया हूँ...
करूँ क्या आपसे परदा, सोच परदा हटाया हूँ...



तेरे दरबार में दाता, सुनाने दिल की आया हूँ...
करूँ क्या आपसे परदा, सोच परदा हटाया हूँ...



तुम्हारे सामने मेरा, झुके ये शीश मनमोहन...
अगर तू देव है साँचा, तो दे मुझको वचन मोहन...
भरे दिल से, भरे मन से, जुबां पर शब्द लाया हूँ...
करूँ क्या आपसे परदा, सोच परदा हटाया हूँ...



तेरे दरबार में दाता, सुनाने दिल की आया हूँ...
करूँ क्या आपसे परदा, सोच परदा हटाया हूँ...



कोई साम्राज्य पाने की, नहीं चाहत प्रभु मेरी...
मगर चाहत तो है इतनी, निभे यारी तेरी मेरी..
'नंदू' ज्यादा मैं क्या बोलू, तुम्हे अजमाने आया हूँ...
करूँ क्या आपसे परदा, सोच परदा हटाया हूँ...



तेरे दरबार में दाता, सुनाने दिल की आया हूँ...
करूँ क्या आपसे परदा, सोच परदा हटाया हूँ...



तेरे दरबार में दाता, सुनाने दिल की आया हूँ...
करूँ क्या आपसे परदा, सोच परदा हटाया हूँ...
तेरे दरबार में दाता, सुनाने दिल की आया हूँ...
करूँ क्या आपसे परदा, सोच परदा हटाया हूँ...



!! दीनबंधु दीनानाथ श्री श्यामसुन्दर की जय !!
!! दीनबंधु दीनानाथ श्री श्यामसुन्दर की जय !!
!! दीनबंधु दीनानाथ श्री श्यामसुन्दर की जय !!


भजन : "श्री नंदू जी"

Saturday, October 8, 2011

!! बिन माँझी के सहारे, डूबेगी मेरी नैया... !!




हे! प्रिय श्यामसुन्दर... हे! मेरे कन्हैया...


आजा मेरे कन्हैया, आजा मेरे कन्हैया...
बिन मांझी के सहारे डूबेगी मेरी नैया...
बीच भँवर में नैया, बन जाओ श्याम खिवैया...
बीच भँवर में नैया, बन जाओ श्याम खिवैया...
आजा मेरे कन्हैया, आजा मेरे कन्हैया...



बैठे है आप ऐसे, सुनता नहीं हो जैसे...
नैया हमारी मोहन, उतरेगी पार कैसे...
तुम्हे क्या पता नहीं है, मझदार में पड़ी है...
आजा मेरे कन्हैया, आजा मेरे कन्हैया...



बिन मांझी के सहारे डूबेगी मेरी नैया...
आजा मेरे कन्हैया, आजा मेरे कन्हैया...



मेहनत से हमने अपनी, नैया थी एक बनाई...
लेकिन भँवर में मोहन, कोशिश ना काम आई...
हारे है हम तो जब भी, तुफानो से लड़े है...
आजा मेरे कन्हैया, आजा मेरे कन्हैया...



बिन मांझी के सहारे डूबेगी मेरी नैया...
आजा मेरे कन्हैया, आजा मेरे कन्हैया...



पतवार खेते खेते, आखिर मैं थक गया हूँ...
शायद तू आता होगा, कुछ देर रुक गया हूँ...
'बनवारी' बेबसी में, चुप चाप हम खड़े है...
आजा मेरे कन्हैया, आजा मेरे कन्हैया...



बिन मांझी के सहारे डूबेगी मेरी नैया...
आजा मेरे कन्हैया, आजा मेरे कन्हैया...



आजा मेरे कन्हैया, आजा मेरे कन्हैया...
बिन मांझी के सहारे डूबेगी मेरी नैया...
बीच भँवर में नैया, बन जाओ श्याम खिवैया...
बीच भँवर में नैया, बन जाओ श्याम खिवैया...
आजा मेरे कन्हैया, आजा मेरे कन्हैया...



आप इस समधुर भाव को नीचे दी गयी लिंक पर क्लीक कर सुन भी सकते है...



!! जय हो प्यारे श्री श्यामसुन्दर जी की !!
!! जय हो प्यारे श्री श्यामसुन्दर जी की !!
!! जय हो प्यारे श्री श्यामसुन्दर जी की !!


भजन : "श्री जयशंकर जी चौधरी"

Wednesday, October 5, 2011

!! श्यामा तेरे चरणों की, गर धुल जो मिल जाये... !!




किशोरी श्री राधारानी प्रेममयी हैं और प्यारे श्री श्यामसुन्दर आनन्दमय हैं... जहाँ आनन्द है वहीं प्रेम है और जहाँ प्रेम है वहीं आनन्द है... श्री श्यामा जू की कृपा कटाक्ष के बिना मधुर रस का आस्वादन नहीं हो सकता... प्यारे श्री श्यामसुन्दर भी प्रेममयी श्री राधा रानी के प्रेम में मतवाले इनकी चरण धूलि के लिये सैदव लालायित रहते हैं... और ऐसी करुणामयी, प्रेममयी, ममतामयी प्यारी किशोरी जी के श्री चरणों की धू...लि की कामना लिए प्रेमपूर्ण ह्रदय, अश्रुपूरित चक्षु श्री श्यामा जू से केवल यही प्रार्थना करते है कि...




श्यामा तेरे चरणों की, गर धुल जो मिल जाये...
राधे तेरे चरणों की, गर धुल जो मिल जाये...
सच कहता हूँ मेरी, तकदीर बदल जाये...
सच कहता हूँ मेरी, तकदीर बदल जाये...
राधे तेरे चरणों की...



सुनता हूँ तेरी रहमत, दिन रात बरसती रहती है...
एक बूंद जो मिल जाये, दिल की कली खिल जाये...
श्यामा तेरे चरणों की, गर धुल जो मिल जाये...
सच कहता हूँ मेरी, तकदीर बदल जाये...
राधे तेरे चरणों की...



ये मन बड़ा चंचल है, कैसे तेरा भजन करूँ...
जितना इसे समझाऊँ, उतना ही मचल जाये...
श्यामा तेरे चरणों की, गर धुल जो मिल जाये...
सच कहता हूँ मेरी, तकदीर बदल जाये...
राधे तेरे चरणों की...



नजरो से गिराना ना, चाहे जितनी सजा देना...
नजरो से जो गिर जाये, मुश्किल है सम्हल पाये...
श्यामा तेरे चरणों की, गर धुल जो मिल जाये...
सच कहता हूँ मेरी, तकदीर बदल जाये...
राधे तेरे चरणों की...



श्यामा इस जीवन की, बस एक तमन्ना है...
तुम सामने हो मेरे, और प्राण निकल जाये....
श्यामा तेरे चरणों की, गर धुल जो मिल जाये...
सच कहता हूँ मेरी, तकदीर बदल जाये...
राधे तेरे चरणों की...



श्यामा तेरे चरणों की, गर धुल जो मिल जाये...
राधे तेरे चरणों की, गर धुल जो मिल जाये...
सच कहता हूँ मेरी, तकदीर बदल जाये...
सच कहता हूँ मेरी, तकदीर बदल जाये...
राधे तेरे चरणों की...



श्री राधे... श्री राधे... श्री राधे... श्री राधे... श्री राधे...



आप सभी इस करुण भाव को निचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर सुन भी सकते है...




!! जय जय श्री राधे !!
!! जय जय श्री राधे !!
!! जय जय श्री राधे !!

Monday, October 3, 2011

!! तेरे दर पे आ के, मेरी आँख रोई... !!






हे प्रिय श्यामसुन्दर... हे दीनबंधु... हे करुणासिन्धु...



कलाई पकड़ ले, पकड़ता ना कोई...
कलाई पकड़ ले, पकड़ता ना कोई...
तेरे दर पे आ के, मेरी आँख रोई...
तेरे दर पे आ के, मेरी आँख रोई...
मेरी आँख रोई...



जिनको भी दिल के दुखड़े सुनाये...
वही मेरे अपने, हुए सब पराये...
तेरी आशिकी में, मैंने माला पिरोई...
मैंने माला पिरोई...



कलाई पकड़ ले, पकड़ता ना कोई...
तेरे दर पे आ के, मेरी आँख रोई...
मेरी आँख रोई...



बड़ी है मुसीबत, बताया ना जाये...
अब बोझ दुःख का, उठाया ना जाये...
गमे आँसुओ से, तेरी चौखट भिगोई...
तेरी चौखट भिजोई...



कलाई पकड़ ले, पकड़ता ना कोई...
तेरे दर पे आ के, मेरी आँख रोई...
मेरी आँख रोई...



अगर है दयालु, दया अब दिखा दे...
तेरी हर्ष की रोती, आँखे हँसा दे...
तेरी भक्त की रोती, आँखे हँसा दे...
सिवा तेरे दुनिया में, दूजा ना कोई...
दूजा ना कोई...



कलाई पकड़ ले, पकड़ता ना कोई...
कलाई पकड़ ले, पकड़ता ना कोई...
तेरे दर पे आ के, मेरी आँख रोई...
तेरे दर पे आ के, मेरी आँख रोई...
मेरी आँख रोई...



!! जय जय प्यारे श्यामसुन्दर जी की !!
!! जय जय प्यारे श्यामसुन्दर जी की !!
!! जय जय प्यारे श्यामसुन्दर जी की !!
 
 
 
भजन : "श्री बिनोद अग्रवाल जी"

Sunday, September 18, 2011

!! एक बार तो कन्हैया, हम जैसो से मिलो... !!



हे! मेरे श्यामसुन्दर, हे! मेरे ठाकुर, हे! मेरे कन्हैया...




एक बार तो कन्हैया, हम जैसो से मिलो...
एक बार तो कन्हैया, हम जैसो से मिलो...
मिलना उसी का नाम है, फुरसत गर मिलो...
मिलना उसी का नाम है, फुरसत से गर मिलो...



हम जैसे भी है सांवरे, तेरे मुरीद है...
अवगुण हमारे सांवरे, कर के दया ढको...
एक बार तो कन्हैया, हम जैसो से मिलो न...
मिलना उसी का नाम है, फुरसत से गर मिलो...



आये नहीं कि चल दिये, आना नहीं है ये...
आना तो उसका नाम है, मिलकर जुदा ना हो...
मिलना उसी का नाम है, फुरसत से गर मिलो...
एक बार तो कन्हैया, हम जैसो से मिलो न...



माना की मुझमे भक्तों सी, कोई कसिश नहीं...
एक बार प्यारे सांवरे, इस दिल की भी सुनो न...
एक बार तो कन्हैया, हम जैसो से मिलो न...
मिलना उसी का नाम है, फुरसत से गर मिलो...



नरसी के सेठ सांवरे, मीरा के श्याम हो...
मुझको भी श्याम प्रेम में, बाँधो या फिर बंधो...
एक बार तो कन्हैया, हम जैसो से मिलो...
मिलना उसी का नाम है, फुरसत से गर मिलो...



मैंने तो इश्क साँवरे, तुमसे बढ़ा लिया...
'नंदू' कन्हैया तुम भी तो, आगे जरा बढ़ो...
आना तो उसका नाम है, मिलकर जुदा ना हो...
एक बार तो कन्हैया, हम जैसो से मिलो न...



एक बार तो कन्हैया, हम जैसो से मिलो...
एक बार तो कन्हैया, हम जैसो से मिलो...
मिलना उसी का नाम है, फुरसत से गर मिलो...
मिलना उसी का नाम है, फुरसत से गर मिलो...



!! जय जय श्री कुँवर कन्हैया लाल की !!

!! जय जय श्री कुँवर कन्हैया लाल की !!
 
 

 
भजन : "श्री नंदू जी"

Monday, September 5, 2011

!! आधार हो एक तेरा, आस एक तेरी... !!




एक भगवतत्व ही वास्तविक तत्त्व है, बाकी सब अतत्व है... जब तक अन्तः करण में संसार का महत्व तब तक अपने प्रभु का महत्व समझ में नहीं आ सकता है... इसलिए हम सभी को अपने भगवन से, अपने प्रभु से एकमात्र यही प्रार्थना करनी चाहिये कि, हमें सुमति दो तथा हमारी कुमति को दूर करके हमें अपने श्री चरणों में स्थान दो... एवं आप में हमारी प्रीति सैदव बनी रहे, ऐसी कृपा हम पर कर दो... क्योकि हम सभी के एकमात्र आधार केवल और केवल आप ही हो, इसलिए...


हे प्रिय श्यामसुन्दर, हे मेरे मन मीत...


आधार हो एक तेरा, आस एक तेरी...
ऐसी कृपा मुझे पे भी, हो प्रभु तेरी...
आधार हो एक तेरा, आस एक तेरी...
ऐसी कृपा मुझे पे भी, हो प्रभु तेरी...



तेरी कृपा से स्वामी, मुझे ये लगन लगी है...
सत् पथ की राह टेढ़ी, मची मन में खलबली है...
मिट जाये सब अँधेरा, मिल जाये राह तेरी...
आधार हो एक तेरा, आस एक तेरी...



करूँ निज करम जगत में, लेकर के नाम तेरा...
दिल में हो याद तेरी, मन में हो ध्यान तेरा...
समझू तेरे इशारे, बाते हो तुमसे मेरी...
आधार हो एक तेरा, आस एक तेरी...



तेरा नाम लेकर सोंऊ, तेरा नाम लेकर जागू...
सपनो में श्यामसुन्दर, झाँकी तुम्हारी पाऊं...
होगा सफल ये नर तन, पाकर के प्रीत तेरी...
आधार हो एक तेरा, आस एक तेरी...



हँसने लगे ये दुनिया, तेरा प्यार इस कदर हो...
दुनिया की हरकतों का, अब मुझ पे ना असर हो...
ढूँढू सदा में तुझको, कर आँख बंद मेरी...
आधार हो एक तेरा, आस एक तेरी...



इतना करीब कर लो, सिर्फ तुम ही तुम, तुम हो...
तेरे नाम से ही शुरू हो, तेरे नाम पे ही खतम हो...
ये सिलसिला ना टूटे, हो जाये जीत तेरी...
आधार हो एक तेरा, आस एक तेरी...



आधार हो एक तेरा, आस एक तेरी...
ऐसी कृपा मुझे पे भी, हो प्रभु तेरी...
आधार हो एक तेरा, आस एक तेरी...
ऐसी कृपा मुझे पे भी, हो प्रभु तेरी...



आप इस सुन्दर भाव को नीचे दिए गए लिंक पर क्लीक कर सुन सकते है...




!! जय जय श्री श्यामसुन्दर जी की !!
!! जय जय श्री श्यामसुन्दर जी की !!
!! जय जय श्री श्यामसुन्दर जी की !!


!! भरि गई कीरति जू की गोद, मोद रावल में छायो है... !!


आज परम पुनित भादो मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी है... इसी पुनीत दिवस में, हम सबकी लाडली लाली श्री राधारानी का प्राकट्य, श्री वृषभानु जी और कीरति मैया के आँगन में हुआ... अतः आप सभी स्नेही प्रभु प्रेमियों को प्यारी प्यारी, बरसाने वारी, चाँद चकोरी, अति भोरी, जिसको प्रिय हो केवल श्यामसुन्दर बिहारी, ऐसी लाडली लाली श्री राधा रानी के श्री प्राकट्योत्सव की बहुत बहुत बधाई हो...




भरि गई कीरति जू की गोद, मोद रावल में छायो है...
मोद रावल में छायो है, मोद बरसाने छायो है...
भरि गई कीरत जू की गोद...



प्रगटी कीरति नंदिनी राधा, उमड़यो जग में प्रेम अगाधा..
मिटगई सब भक्तन की बाधा, राधा बिना श्याम है आधा...
कृष्ण प्रेम की ध्वजा फरुखे, रस बरसायो है...
भरि गई कीरति जू की गोद, मोद रावल में छायो है...



हिल मिल कर आई वृजनारी, तन पे पहन कसूमल साड़ी...
लिये आरती मगल थारी, होत निछावर रूप निहारी...
वृज की शोभा देख आज सुरपति ललचायो है...
भरि गई कीरति जू की गोद, मोद रावल में छायो है...



लक्ष्मी, सची, शारदा, गौरी, आई सब रावल में दौड़ी...
दधि माखन की लिये कमौरी, लख न सकी वृज बनिता भोरी...
लाली की छवि निरख निरख, हियरो हुलसायो है...
भरि गई कीरति जू की गोद, मोद रावल में छायो है...



भानु भवन की शोभा राचे, जय जय श्री राधे धुनि माचे...
ब्रम्हा वेद स्तुति बाँचे, महादेव गोपी बन नाचे...
चित्रसेन गन्धर्व भाट बनकर, यश गायों है...
भरि गई कीरति जू की गोद, मोद रावल में छायो है...



सनकादि, नारद ऋषि आवे, रासेश्वरी के दर्शन पावे...
कहि कहि अद्भुत मर्म जनावे, नभ में देव पुष्प बरसावे...
स्थावर जंगम सब प्राणीन्ह को, भाग्य जगायो है...
भरि गई कीरति जू की गोद, मोद रावल में छायो है...



भरि गई कीरति जू की गोद, मोद रावल में छायो है...
मोद रावल में छायो है, मोद बरसाने छायो है...
भरि गई कीरति जू की गोद, मोद रावल में छायो है...
मोद रावल में छायो है, मोद बरसाने छायो है...



श्री राधे... श्री राधे... श्री राधे...


!! जय जय श्री राधे !!
!! जय जय श्री राधे !!
!! जय जय श्री राधे !!

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