एक भगवतत्व ही वास्तविक तत्त्व है, बाकी सब अतत्व है... जब तक अन्तः करण में संसार का महत्व तब तक अपने प्रभु का महत्व समझ में नहीं आ सकता है... इसलिए हम सभी को अपने भगवन से, अपने प्रभु से एकमात्र यही प्रार्थना करनी चाहिये कि, हमें सुमति दो तथा हमारी कुमति को दूर करके हमें अपने श्री चरणों में स्थान दो... एवं आप में हमारी प्रीति सैदव बनी रहे, ऐसी कृपा हम पर कर दो... क्योकि हम सभी के एकमात्र आधार केवल और केवल आप ही हो, इसलिए...
हे प्रिय श्यामसुन्दर, हे मेरे मन मीत...
आधार हो एक तेरा, आस एक तेरी...
ऐसी कृपा मुझे पे भी, हो प्रभु तेरी...
आधार हो एक तेरा, आस एक तेरी...
ऐसी कृपा मुझे पे भी, हो प्रभु तेरी...
तेरी कृपा से स्वामी, मुझे ये लगन लगी है...
सत् पथ की राह टेढ़ी, मची मन में खलबली है...
मिट जाये सब अँधेरा, मिल जाये राह तेरी...
आधार हो एक तेरा, आस एक तेरी...
करूँ निज करम जगत में, लेकर के नाम तेरा...
दिल में हो याद तेरी, मन में हो ध्यान तेरा...
समझू तेरे इशारे, बाते हो तुमसे मेरी...
आधार हो एक तेरा, आस एक तेरी...
तेरा नाम लेकर सोंऊ, तेरा नाम लेकर जागू...
सपनो में श्यामसुन्दर, झाँकी तुम्हारी पाऊं...
होगा सफल ये नर तन, पाकर के प्रीत तेरी...
आधार हो एक तेरा, आस एक तेरी...
हँसने लगे ये दुनिया, तेरा प्यार इस कदर हो...
दुनिया की हरकतों का, अब मुझ पे ना असर हो...
ढूँढू सदा में तुझको, कर आँख बंद मेरी...
आधार हो एक तेरा, आस एक तेरी...
इतना करीब कर लो, सिर्फ तुम ही तुम, तुम हो...
तेरे नाम से ही शुरू हो, तेरे नाम पे ही खतम हो...
ये सिलसिला ना टूटे, हो जाये जीत तेरी...
आधार हो एक तेरा, आस एक तेरी...
आधार हो एक तेरा, आस एक तेरी...
आधार हो एक तेरा, आस एक तेरी...
ऐसी कृपा मुझे पे भी, हो प्रभु तेरी...
आधार हो एक तेरा, आस एक तेरी...
ऐसी कृपा मुझे पे भी, हो प्रभु तेरी...
आप इस सुन्दर भाव को नीचे दिए गए लिंक पर क्लीक कर सुन सकते है...
!! जय जय श्री श्यामसुन्दर जी की !!
!! जय जय श्री श्यामसुन्दर जी की !!
!! जय जय श्री श्यामसुन्दर जी की !!
वाह बस ऐसा आधार हो जाये तो और क्या चाहिये।
ReplyDeleteek mere sawariya ka sahra gar mil jaaye ---kise aur cheej ki chah nahi o more sawariya ab to aaa ja tere ek daras ke dewaane!!!!!!!!!!!!
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