!! ॐ !!


Friday, May 28, 2010

!! श्री राधा कृष्णा का गन्धर्व विवाह !! : Shree Radha Krishna's Gandhrava Marriage


           ------------!! जय जय श्री राधे - जय जय श्री कृष्णा !!-----------------

हम में से बहुत से लोग यही जानते हैं कि राधाजी श्रीकृष्ण की प्रेयसी थीं परन्तु इनका विवाह नहीं हुआ था। श्रीकृष्ण के गुरू गर्गाचार्य जी द्वारा रचित "गर्ग संहिता" में यह वर्णन है कि राधा-कृष्ण का विवाह हुआ था।

एक बार नन्द बाबा कृष्ण जी को गोद में लिए हुए गाएं चरा रहे थे। गाएं चराते-चराते वे वन में काफी आगे निकल आए। अचानक बादल गरजने लगे और आंधी चलने लगी। नन्द बाबा ने देखा कि सुन्दर वस्त्र आभूषणों से सजी राधा जी प्रकट हुई।

श्रीगर्ग ऋषि नन्द बाबा को श्री कृष्णा के भगवतिय स्वरुप के बारे में बताते हुए

नन्द बाबा ने राधा जी को प्रणाम किया और कहा कि वे जानते हैं कि उनकी गोद मे साक्षात श्रीहरि हैं और उन्हें गर्ग जी ने यह रहस्य बता दिया था। भगवान कृष्ण को राधाजी को सौंप कर नन्द बाबा चले गए।

तब भगवान कृष्ण युवा रूप में आ गए। वहां एक विवाह मण्डप बना और विवाह की सारी सामग्री सुसज्जित रूप में वहां थी। भगवान कृष्ण राधाजी के साथ उस मण्डप में सुंदर सिंहासन पर विराजमान हुए। तभी वहां ब्रम्हा जी प्रकट हुए और भगवान कृष्ण का गुणगान करने के बाद कहा कि वे ही उन दोनों का पाणिग्रहण संस्कार संपन्न कराएंगे। ब्रम्हा जी ने वेद मंत्रों के उच्चारण के साथ विवाह कराया और दक्षिणा में भगवान से उनके चरणों की भंक्ति मांगी। विवाह संपन्न कराने के बाद ब्रम्हा जी लौट गए।

नवविवाहित युगल ने हंसते खेलते कुछ समय यमुना के तट पर बिताया। अचानक भगवान कृष्ण फिर से शिशु रूप में आ गए। राधाजी का मन तो नहीं भरा था पर वे जानती थीं कि श्री हरि भगवान की लीलाएं अद्भुत हैं। वे शिशु रूपधारी श्री कृष्ण को लेकर नन्द बाबा को दे दिया। राधा जी उम्र में श्रीकृष्ण से बडी थीं।

यदि राधा-कृष्ण की मिलन स्थली की भौगोलिक पृष्ठभूमि देखें तो नन्द गांव से बरसाना 7 किमी है तथा वह वन जहाँ ये गायें चराने जाते थे नंद गांव और बरसाना के ठीक मघ्य में है। जिसे भंडिरा वन कहा जाता है।


          उस गन्धर्व विवाह का साक्षी भंडिरावट आज भी भंडिरावन में स्थित हैं.


Brahma Ji performed the gandharva marriage of Shri Radha-Krishna Yugala beneath the banyan tree called Bhandrivata in Bhandrivana....

According to the Garga samhita and Gita-govinda, Nanda Baba once took Shri Krishna to Bhandrivana to graze the cows.... This forest was very attractively covered with the dense foliage of the tamäla and kadamba trees and the lush creepers, and therefore it was only lit by scant sunrays....

Suddenly, black clouds gathered from all directions and a raging rainstorm developed.... Darkness pervaded. Nanda Baba became frightened of the bad omen and carefully hid Kanhaiya on his lap....

At that moment, the extraordinarily beautiful daughter of Vrishabhanu Maharaja, Shri Radhika, appeared there in the form of a young girl....

She held Her hands out to Nanda Bäba, indicating that She wanted to take Krishna with Her.....The astonished Nanda Baba gave Shri Krishna to Her. Radhika then took Krishna to the inner part of Bhandriavana under the shelter of Bhandrivata....

Here Shri Krishna manifested himself as manmatha-manmatha kisora, a beautiful youth who bewilders even the mind of Cupid.... Meawhile, Lalita, Visäkhä and the other sakhis also appeared here with Caturmukha Brahmä. Knowing the desire of Kisora-Kisori, Brahmä performed Their gandharva wedding by reciting Vedic mantras...

Shri Radhika and Shri Krishna exchanged beautiful flower garlands.... The delighted sakhis sang wedding songs as the demigods showered flowers from the sky.... While everyone looked on, Brahma left that place. The sakhis also disappeared, and Krishna again assumed the form of a small boy. Shri Radhika took Krishna by hand and returned to Nanda Baba, who was standing waiting for Him. Meanwhile, the clouds dispersed and the storm abated....


After that Nanda Bäbä returned with Krishna to his Nandagaon....
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The Bhandiravata in Bhandiravana Near Nandgaon Where the Yugal Jodi Radha Krishna's Gandharava Marriage performed...

" In India, the parents generally select the husband or wife for their daughter or son.... The gändharva marriage, however, takes place by personal selection. In a gändharva wedding, there is no lengthy ceremony.... The bride and groom need only exchange garlands and simple marriage vows..."

    -----------!! Jay Jay Shri Radhe - Jay Jay Shri Krishna !!--------------

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