सांवल वीरा श्यामसुन्दर, नानी बाई के अश्रु पोंछते हुए...
भक्त और भगवान के मध्य एक अटूट रिश्ता होता है... और यह अटूट रिश्ता भी भक्त स्वयं निज समर्पण भाव से ही बनाता है... कोई भक्त भगवान को सखा भाव से पूजता है तो कोई दास भाव से, तो कोई भ्रात भाव से... श्री भगवान सैदव अपने भगतों, अपने प्रेमियों के वश में रहते है... और समय समय पर वे अपने निज भक्तों की करुण पुकार सुनकर उन रिश्...तों को निभाने के लिये स्वयं प्रकट भी हो जाते है...
आज के इस युग में भक्त शिरोमणि श्री नरसी मेहता का नाम कौन नहीं जानता... जिनकी निश्छल भक्ति एवं प्रेम से वशीभूत होकर श्री श्यामसुन्दर ने स्वयं प्रकट होकर उनकी पुत्री नानी बाई का मायरा भरा था... श्री नरसी जी की एक पुत्री 'नानी बाई' थी, जिसके जन्मोपरांत उनकी पत्नी का देहांत हो गया... पुत्री नानी बड़ी हुई तो अपने पिता नरसी जी की कृष्ण भक्ति से बहुत प्रभावित हुई और उन्होंने श्री कृष्ण को ही अपना भाई बना कर नित्य प्रति उनकी पूजा किया करती थी... कालांतर में नानी बाई का विवाह हो गया... एवं नानी बाई के विवाहोपरांत श्री नरसी जी सभी सांसारिक वस्तुओ का त्याग कर श्री कृष्ण भक्ति में लीन हो गए...
इधर नानी बाई को भी एक पुत्री हुई... कुछ वर्षों पश्चात नानी बाई की पुत्री का विवाह तय हो गया... विवाह के लिये नानी बाई के ससुराल वालो ने नरसी जी को मायरा भरने के लिये आमंत्रित किया.. परन्तु वैरागी नरसी जी के पास मायरा भरने के लिये कुछ भी नहीं था... उन्हें तो केवल श्री कृष्ण पर ही अटूट विश्वास था, और सब कुछ श्री कृष्ण के ऊपर ही सौंप दिया था... इधर जब नानी बाई के सुसुराल वाले विविध प्रकार के तानो एवं व्यंगो से उनके हृदय को पीड़ा पहुचाने लगे तो एक दिन नानी बाई पानी लेने के बहाने एक बावड़ी के पास आती है और करुण हृदय से बिलख बिलख कर रोती हुई इसप्रकार अपने वीरा सांवला श्यामसुन्दर से प्रार्थना करती है...
ओ सांवल वीरा, आण ऊढ़ाज्या रे, कुण आण उढ़ावे बाई ने चुनड़ी...
ओ सांवल वीरा, आण ऊढ़ाज्या रे, कुण आण उढ़ावे बाई ने चुनड़ी...
कुण आण उढ़ावे बाई ने चुनड़ी...
या नानी रोवे, टेर लगावे रे, तू भाई बनकर ल्या तारा री चुनड़ी...
या नानी रोवे, टेर लगावे रे, तू भाई बनकर ल्या तारा री चुनड़ी...
ओ सांवल वीरा आण ऊढ़ाज्या रे, कुण आण उढ़ावे बाई ने चुनड़ी...
कुण आण उढ़ावे बाई ने चुनड़ी...
बाबुल भी मेरो, समधिया ने बोले रे , यो सांवल वीरो ल्यावेगो चुनड़ी...
बाबुल भी मेरो, समधिया ने बोले रे , यो सांवल वीरो ल्यावेगो चुनड़ी...
ओ सांवल वीरा, आण ऊढ़ाज्या रे, कुण आण उढ़ावे बाई ने चुनड़ी...
कुण आण उढ़ावे बाई ने चुनड़ी...
साँवरिया आजा, लाज बचा जा रे, थारे बिन कुण ल्यावे बाई री चुनड़ी...
साँवरिया आजा, लाज बचा जा रे, थारे बिन कुण ल्यावे बाई री चुनड़ी...
ओ सांवल वीरा, आण ऊढ़ाज्या रे, कुण आण उढ़ावे बाई ने चुनड़ी...
कुण आण उढ़ावे बाई ने चुनड़ी...
राधा ने ल्याजे, रुक्मण ने ल्याजे रे, और सागे ल्याजे थारी प्यारी बांसुरी...
राधा ने ल्याजे, रुक्मण ने ल्याजे रे, और सागे ल्याजे थारी प्यारी बांसुरी...
ओ सांवल वीरा आण ऊढ़ाज्या रे, कुण आण उढ़ावे बाई ने चुनड़ी...
कुण आण उढ़ावे बाई ने चुनड़ी...
सांवल सा थारी, बाट उडिकू रे, 'बनवारी' ल्यावेगो सोहनी सी चुनड़ी...
सांवल सा थारी, बाट उडिकू रे, 'बनवारी' ल्यावेगो सोहनी सी चुनड़ी...
ओ सांवल वीरा, आण ऊढ़ाज्या रे, कुण आण उढ़ावे बाई ने चुनड़ी...
कुण आण उढ़ावे बाई ने चुनड़ी...
ओ सांवल वीरा, आण ऊढ़ाज्या रे, कुण आण उढ़ावे बाई ने चुनरी...
ओ सांवल वीरा, आण ऊढ़ाज्या रे, कुण आण उढ़ावे बाई ने चुनरी...
कुण आण उढ़ावे बाई ने चुनड़ी...
कुण आण उढ़ावे बाई ने चुनड़ी...
कुण आण उढ़ावे बाई ने चुनड़ी...
और नानो बाई की इस करुण पुकार को सुनकर सांवल वीरा श्यामसुन्दर तत्क्षण प्रकट हो नानी बाई के अश्रु पोंछते है... और विवाह में अपनी पटरानी रुक्मणी के संग आकर नानी बाई सा को चुनड़ी उढ़ाकर मायरा भरते है...
"राजस्थान, हरियाणा एवं गुजरात प्रांत में मायरा भरना विवाह की एक रस्म है, जिसमे जब कोई बहन अपनी पुत्री या पुत्र का विवाह करती है तो, उसका भाई अपनी बहन के द्वार पर बहुत सारी भेंट लाता है एवं उसे गले लगाकर प्रेम स्वरुप चुनड़ी उढ़ाता है..."
!! जय जय सांवल वीरा श्याम सुन्दर की !!
!! जय जय हो श्री रुक्मणी द्वारिकाधीश की !!
भजन : "श्री जय शंकर चौधरी"
टिपण्णीयां :
Mukesh K Agrawal
ओ सांवल वीरा आण ऊढ़ाज्या रे, कुण आण उढ़ावे बाई ने चुनड़ी...
या नानी रोवे, टेर लगावे रे, तू भाई बनकरल्या तारा री चुनड़ी...
ओ सांवल वीरा आण ऊढ़ाज्या रे, कुण आण उढ़ावे बाई ने चुनड़ी...
कुण आण उढ़ावे बाई ने चुनड़ी...
!! जय जय सांवल वीरा श्याम सुन्दर की !!
!! जय जय हो श्री रुक्मणी द्वारिकाधीश की !!
या नानी रोवे, टेर लगावे रे, तू भाई बनकरल्या तारा री चुनड़ी...
ओ सांवल वीरा आण ऊढ़ाज्या रे, कुण आण उढ़ावे बाई ने चुनड़ी...
कुण आण उढ़ावे बाई ने चुनड़ी...
!! जय जय सांवल वीरा श्याम सुन्दर की !!
!! जय जय हो श्री रुक्मणी द्वारिकाधीश की !!
Sushila Saraf
आज्या आज्या रे सांवरिया,चीर उढ़ाज्या रे सांवरिया
भरज्या मायरो......
बिन मायडरी डावडी रे ना माँ जायो बीर...
मायरे री बेल्यां म्हाने कुण उडावै चीर
धीर बंधाज्या रे सांवरिया, हिवड लगाज्या रे सांवरिया
भरज्या मायरो......
बिन मायडरी डावडी रे ना माँ जायो बीर...
मायरे री बेल्यां म्हाने कुण उडावै चीर
धीर बंधाज्या रे सांवरिया, हिवड लगाज्या रे सांवरिया
भरज्या मायरो......
Mukesh K Agrawal
ताई जी...बहुत ही सुन्दर भाव है...
"मायरे री बेल्यां म्हाने कुण उडावै चीर
धीर बंधाज्या रे सांवरिया, हिवडे लगाज्या रे सांवरिया
भरज्या मायरो......"
Abhishek Moitra
Ahaan ati ati sundar evong madhur bhaav bhaiji...
Dandavat pranaam...
JAI JAI SHREE RADHE..
Ahaan ati ati sundar evong madhur bhaav bhaiji...
Dandavat pranaam...
JAI JAI SHREE RADHE..
Mukesh K Agrawal
नरसी जी री लाडली रे, आंसुडा ढलकावे...
हिवडो उमड्यो जावे, बाई रो धीरज टूट्यो जावे...
धीर बंधाज्या रे सांवरिया, हिवडे लगाज्या रे सांवरिया...
भरज्या मायरो, भरज्या मायरो...
नरसी जी री लाडली रे, आंसुडा ढलकावे...
हिवडो उमड्यो जावे, बाई रो धीरज टूट्यो जावे...
धीर बंधाज्या रे सांवरिया, हिवडे लगाज्या रे सांवरिया...
भरज्या मायरो, भरज्या मायरो...
Sushila Saraf
बाबल म्हारो भोलो-ढालो गिरधर रा गुण गावै
नगरी रा सब लोग मसखरा,म्हारी हंसी उडावै
भावे ना म्हाने सांवरिया,कई कावां थानै सांवरिया
भरज्या मायरो ....
Sushila Saraf.]
सांवरिया क तीर खड़ी या, नानी नीर बहावै है
माँ का जाया बीर बिना कुण, भात भरणन आवै है...
सांवरिया क तीर खड़ी या, नानी नीर बहावै है
माँ का जाया बीर बिना कुण, भात भरणन आवै है...
Vrunda Sakhi
जय जय हो श्री रुक्मणी द्वारिकाधीश की
जय जय हो श्री रुक्मणी द्वारिकाधीश की
Mahabir Saraf
अन्न धन रा भण्डार घनेरा, और छोर नहीं पायो थो
ऊँचा-ऊँचा महल मालिया, नगर सेठ कहलायो थो
अब गिनती का नौकर चाकर, याद मनै सब आवै है...
सरवरिये क तीर खड़ी या, नानी नीर बहावै है
माँ का जाया बीर बिना कुण, भात भरणन आवै है
Jai Shri Krishna
mere ly aansu baha kar to dekh ,tere jeevan main aanand kai sagar na bhar du to kehna !!!
mere ly aansu baha kar to dekh ,tere jeevan main aanand kai sagar na bhar du to kehna !!!
Chetan Saxena
जय जय श्री राधे कृष्ण
जय जय श्री राधे कृष्ण
Narendra Thakur
RADHE RADHEJI
RADHE RADHEJI
Pankaj Dubey
जय श्री राधे कृष्ण
जय श्री राधे कृष्ण
Manjulata Verma
dhanyvad, mukesh ji...nani bai ki katha bahut bhav bibhor karati hai..narasimehata jaise bhakt to koti-2 pranam karati hun..radhe radhe
Mukesh K Agrawal]
जी मंजुलता जी आपने सही कहा...
भक्तवत्सल प्रभु सारया सब काज जी...
भक्तवत्सल प्रभु सारया सब काज जी...
नानी बाई रा मायरा रो ठाकुर जी राखि लाज...
म्हारा साँवरिया जी राखि लाज जी
भक्तवत्सल प्रभु सारया सब काज जी...
भक्तवत्सल प्रभु सारया सब काज जी...
नानी बाई रा मायरा रो ठाकुर जी राखि लाज...
म्हारा साँवरिया जी राखि लाज जी
Narendra Thakur
"Kya mange tujh se isse jyada,
Tere aise deedar bus hote rahe,
Teri najar hum per... na pade na sahi,
Bus humari najar tujhse na hate,
tere deedar se tar jayenge hum
agar hum na tare to na sahi,
kum se kum bakiyon ko to taar de"
RADHE RADHEJIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIII
Tere aise deedar bus hote rahe,
Teri najar hum per... na pade na sahi,
Bus humari najar tujhse na hate,
tere deedar se tar jayenge hum
agar hum na tare to na sahi,
kum se kum bakiyon ko to taar de"
RADHE RADHEJIIIIIIIIIIIIIIIIIII
Sulakshna Singh
Ahaa Ati Sunder Aapki Iss katha ko padhkar manoj ji aaaj hriday bhakti se dravit ho gaya !! Jai shree radhey !!
Ahaa Ati Sunder Aapki Iss katha ko padhkar manoj ji aaaj hriday bhakti se dravit ho gaya !! Jai shree radhey !!
Deepak Cool
jai shree shyam
Kishori Priya
bahut sunder katha hai yeh , aise hi bhakton ki kathayen padh kar ,sunkar hamein prerna milti hai lekin usi tarah prem sagar mein doobna padega jaise meera bai ,shabri ,karmaiti bai,janabai,rabiya doob gai thi prabhu prem mein aur kuch sujhta hi nahin tha unko ........dhanyawad mukesh bhai itni sunder katha ke liye....... bhakt vatsal bhagwan ki jai
bahut sunder katha hai yeh , aise hi bhakton ki kathayen padh kar ,sunkar hamein prerna milti hai lekin usi tarah prem sagar mein doobna padega jaise meera bai ,shabri ,karmaiti bai,janabai,rabiya doob gai thi prabhu prem mein aur kuch sujhta hi nahin tha unko ........dhanyawad mukesh bhai itni sunder katha ke liye....... bhakt vatsal bhagwan ki jai
Mukesh K Agrawal
जी किशोरी प्रिया दीदी, सही कहा आपने... प्रभु के परम भक्तों की कथायें ही हम जैसे जन साधारण लोगो के लिये प्रेरणास्त्रोत्र है...
"निज भक्तों की खुशी जिनके मुख पर प्रसन्नता बनकर झलकती है... निज भक्तों के आँसू जिनके गले की माला बन जाते है... ...निज भक्तो का दु:ख जिनको विचलित कर देता हैं... निज भक्तो की पुकार सुन जो अधीर हो जाते हैं.. निज भक्तो का अहित करने पर जो नृसिंह जैसा भयंकर रुप धारण कर लेते हैं... ऐसे 'भक्तानुकूल' 'भक्तउद्धारक' 'भक्तवत्सल' श्री श्यामसुन्दर को मेरा भी अनन्त कोटी प्रणाम है... मेरा भी अनन्त कोटी प्रणाम है... मेरा भी अनन्त कोटी प्रणाम है..."
"निज भक्तों की खुशी जिनके मुख पर प्रसन्नता बनकर झलकती है... निज भक्तों के आँसू जिनके गले की माला बन जाते है... ...निज भक्तो का दु:ख जिनको विचलित कर देता हैं... निज भक्तो की पुकार सुन जो अधीर हो जाते हैं.. निज भक्तो का अहित करने पर जो नृसिंह जैसा भयंकर रुप धारण कर लेते हैं... ऐसे 'भक्तानुकूल' 'भक्तउद्धारक' 'भक्तवत्सल' श्री श्यामसुन्दर को मेरा भी अनन्त कोटी प्रणाम है... मेरा भी अनन्त कोटी प्रणाम है... मेरा भी अनन्त कोटी प्रणाम है..."
Kishori Priya
JINKE PAG PAGPRAN NAHIN UNKO GAJDHEESH CHADAVAT HAIN , JINKE GHAR HOJAN ANN NAHIN UNKO DADHI DUDH KHAVAWAT HAIN, JINKO JAG MEIN KOU JAANAT NAHIN UNKO TEEHU LOK JANAAVAT HAIN, AISE KAAM KAREN JAG MEIN YEH TABAHUN DEEN DAYAL KAHAVAT HAIN ..............JAI HO DEENDAYAL PRABHU KI
JINKE PAG PAGPRAN NAHIN UNKO GAJDHEESH CHADAVAT HAIN , JINKE GHAR HOJAN ANN NAHIN UNKO DADHI DUDH KHAVAWAT HAIN, JINKO JAG MEIN KOU JAANAT NAHIN UNKO TEEHU LOK JANAAVAT HAIN, AISE KAAM KAREN JAG MEIN YEH TABAHUN DEEN DAYAL KAHAVAT HAIN ..............JAI HO DEENDAYAL PRABHU KI
Mukesh K Agrawal
जय हो जय हो सैदव ही जय हो भक्तवत्सल दीनदयाल प्रभु की...
जय हो जय हो सैदव ही जय हो भक्तवत्सल दीनदयाल प्रभु की...
Sulakshna Singh
Kyaa Sunder Baat Likhi hai Mukesh ji aapne aur hamari pyaari kishori didi ne..yahi param satya hai..Jai ho hamare savre Girdhari, Shyam sunder sarkar ki...
Mukesh K Agrawal
जय हो सांवरे गिरधारी श्यामसुन्दर की एवं जय हो सांवरे गिरधारी श्यामसुन्दर के प्रिय भक्तों की...
जय जय श्री राधे !!!!!!!!!!
Narendra Thakur
श्री श्याम राधिका गाऊँ री किशोरी राधे !
चरणन शीष नवाऊँ री किशोरी राधे !!
बैठी रहूँ कुंजन के कोने !
गुन्थित कर प्रिया-लाल के रहने !
मधुर-माधुरी जोड़ी निहारूँ !
लीला-कथा-कृपा मन में विचारुँ !
भक्त-संत संग लाभ बटोरूँ !
जीवन फल मैं पाऊँ किशोरी राधे !!
श्री श्याम-राधिका गाऊँ री किशोरी राधे !
चरणन शीष नवाऊँ री किशोरी राधे !!
श्यामसुन्दर की मुरली मनोहर !
श्रीजी की प्यारी ललिता सखी जी !
सब ब्रजवासी अरु निज परिकर !
श्री गुरु कृपा फल पाऊँ री किशोरी राधे !!
श्री श्याम-राधिका गाऊँ री किशोरी राधे !
चरणन शीष नवाऊँ री किशोरी राधे !!
लखि मुष्कान मधुर प्रिया-प्रियतम !
केलि कुञ्ज की सेवा अनुपम !
रास-विलास के दर्शन लेकर !
कुञ्ज बिहारी रस गाऊँ री किशोरी राधे !!
श्री श्याम राधिका गाऊँ री किशोरी राधे !
चरणन शीष नवाऊँ री किशोरी राधे !!
बैठी रहूँ कुंजन के कोने !
गुन्थित कर प्रिया-लाल के रहने !
मधुर-माधुरी जोड़ी निहारूँ !
लीला-कथा-कृपा मन में विचारुँ !
भक्त-संत संग लाभ बटोरूँ !
जीवन फल मैं पाऊँ किशोरी राधे !!
श्री श्याम-राधिका गाऊँ री किशोरी राधे !
चरणन शीष नवाऊँ री किशोरी राधे !!
श्यामसुन्दर की मुरली मनोहर !
श्रीजी की प्यारी ललिता सखी जी !
सब ब्रजवासी अरु निज परिकर !
श्री गुरु कृपा फल पाऊँ री किशोरी राधे !!
श्री श्याम-राधिका गाऊँ री किशोरी राधे !
चरणन शीष नवाऊँ री किशोरी राधे !!
लखि मुष्कान मधुर प्रिया-प्रियतम !
केलि कुञ्ज की सेवा अनुपम !
रास-विलास के दर्शन लेकर !
कुञ्ज बिहारी रस गाऊँ री किशोरी राधे !!
श्री श्याम राधिका गाऊँ री किशोरी राधे !
चरणन शीष नवाऊँ री किशोरी राधे !!
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