हे! प्रिय श्यामसुन्दर... हे! मेरे कन्हैया...
आजा मेरे कन्हैया, आजा मेरे कन्हैया...
बिन मांझी के सहारे डूबेगी मेरी नैया...
बीच भँवर में नैया, बन जाओ श्याम खिवैया...
बीच भँवर में नैया, बन जाओ श्याम खिवैया...
आजा मेरे कन्हैया, आजा मेरे कन्हैया...
बैठे है आप ऐसे, सुनता नहीं हो जैसे...
नैया हमारी मोहन, उतरेगी पार कैसे...
तुम्हे क्या पता नहीं है, मझदार में पड़ी है...
आजा मेरे कन्हैया, आजा मेरे कन्हैया...
बिन मांझी के सहारे डूबेगी मेरी नैया...
आजा मेरे कन्हैया, आजा मेरे कन्हैया...
मेहनत से हमने अपनी, नैया थी एक बनाई...
लेकिन भँवर में मोहन, कोशिश ना काम आई...
हारे है हम तो जब भी, तुफानो से लड़े है...
आजा मेरे कन्हैया, आजा मेरे कन्हैया...
बिन मांझी के सहारे डूबेगी मेरी नैया...
आजा मेरे कन्हैया, आजा मेरे कन्हैया...
पतवार खेते खेते, आखिर मैं थक गया हूँ...
शायद तू आता होगा, कुछ देर रुक गया हूँ...
'बनवारी' बेबसी में, चुप चाप हम खड़े है...
आजा मेरे कन्हैया, आजा मेरे कन्हैया...
बिन मांझी के सहारे डूबेगी मेरी नैया...
आजा मेरे कन्हैया, आजा मेरे कन्हैया...
आजा मेरे कन्हैया, आजा मेरे कन्हैया...
बिन मांझी के सहारे डूबेगी मेरी नैया...
बीच भँवर में नैया, बन जाओ श्याम खिवैया...
बीच भँवर में नैया, बन जाओ श्याम खिवैया...
आजा मेरे कन्हैया, आजा मेरे कन्हैया...
आप इस समधुर भाव को नीचे दी गयी लिंक पर क्लीक कर सुन भी सकते है...
!! जय हो प्यारे श्री श्यामसुन्दर जी की !!
!! जय हो प्यारे श्री श्यामसुन्दर जी की !!
!! जय हो प्यारे श्री श्यामसुन्दर जी की !!
भजन : "श्री जयशंकर जी चौधरी"
वाह वाह बहुत सुन्दर भजन पढवाने के लिये आभार्।
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