हे! मेरे श्यामसुंदर, तेरी ही एकमात्र कृपा का अभिलाषी, तेरा यह दीवाना तुझसे केवल यही अरदास करता है कि...
श्यामसुन्दर ऐसी कृपा बरसा दे...
हूँ दीवाना तेरा, ओ हूँ दीवाना तेरा...इस दीवाने से अँखिया मिला ले...
श्यामसुन्दर ऐसी कृपा बरसा दे...
बिन तुम्हारी मेहर, ओ कन्हैया...
कैसी संवारेगी ये, ओ कैसी संवारेगी ये...
जिंदगानी मेरी समझा दे...
श्यामसुन्दर ऐसी कृपा बरसा दे...
किसी चीज़ की न, मुझको तमन्ना...
मैं भिखारी तेरे, ओ मैं भिखारी तेरे...
दर्शनों का, तू दरस दिखा दे...
श्यामसुन्दर ऐसी कृपा बरसा दे...
मेरे दिल को लगन बस तुम्हारी...
चाहे कुछ न मिले, ओ चाहे कुछ न मिले...
तेरी प्रेमगंगा में, डुबकी लगा दे...
श्यामसुन्दर ऐसी कृपा बरसा दे...
श्यामसुन्दर ऐसी कृपा बरसा दे...
हूँ दीवाना तेरा, ओ हूँ दीवाना तेरा...
इस दीवाने से अँखिया मिला ले...
श्यामसुन्दर ऐसी कृपा बरसा दे...
!! जय जय श्री श्यामसुन्दर जी !!
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