!! ॐ !!


Wednesday, September 15, 2010

!! हे! कृष्णप्रिया जू लाडली, तु मोपे रहियो सहाय... !!




आहा!! अंतत: पावन पुनीत भादो के महीने की शुक्ल पक्ष के अष्टमी तिथि आ ही गयी... इसी पुनीत दिवस में प्यारी प्यारी, बरसाने वारी, चाँद चकोरी, अति भोरी, जिसको प्रिय हो केवल श्यामसुंदर बिहारी, हम सबकी लाडली लाली श्री राधा रानी का प्राकट्य, श्री वृषभानु जी और कीरति मैया के आँगन में हुआ...

इसलिए आज तो सम्पूर्ण ब्रज मंडल में खुशहाली छाई है... और सम्पूर्ण ब्रजवासी प्यारी लाली के जन्मदिवस की बधाई गा रहे है... आइये हम सब भी प्यारी लाडली के श्री जन्मोत्सव की बधाई इन भाव रूपी श्रद्धा सुमन को अर्पित करते हुए गाते है...





हो मच गयो हल्लो सारे ब्रज में खुशहाली है...
कीरति मैया ने जायी, चंदा जैसी लाली है..
ओ चढ़ के अटरिया पे थाली बजाओ...
गाओ रे, गाओ रे, बधाई गाओ...


सारे ब्रजभूमि में मुनादी करो दो,
ढिंढोरा पिटवा के सबको बता दो...
घर घर में दीप सखी, घी के जलाओ...
गाओ रे, गाओ रे, बधाई गाओ...


आहा!!! सखी लाली को मुखड़ो सलोनो...
धड़के ह जियड़ो, न हो जाये टोनो...
माथे पे काजल का, टिका लगाओ...
गाओ रे, गाओ रे, बधाई गाओ...


अष्टमी को दिन सखी, भादो महिना..
ऐसी ख़ुशी पहले, आई कभी ना...
झूम झूम नाचो रे, धूम मचाओ...
गाओ रे, गाओ रे, बधाई गाओ...


हो मच गयो हल्लो सारे ब्रज में खुशहाली है...
कीरति मैया ने जायी, चंदा जैसी लाली है..
ओ चढ़ के अटरिया पे थाली बजाओ...
गाओ रे, गाओ रे, बधाई गाओ...

 
आप सभी को प्यारी प्यारी, बरसाने वारी, चाँद चकोरी, अति भोरी, जिसको प्रिय हो केवल श्यामसुंदर बिहारी, हम सबकी लाडली लाली श्री राधा रानी के श्री जन्मोत्सव की बहुत बहुत बधाई...




आज श्री राधेरानी का प्राकट्य दिवस है, और इस पुनीत दिवस पर "अलबेली सरकार" से इस दास की एक करबद्ध प्रार्थना यही है, कि...


कर जोड़ के खड़ा हूँ, अपना हुकम सुनाओ...
कर जोड़ के खड़ा हूँ, अपना हुकम सुनाओ...


आँगन तेरा बुहारू, चरणों को मैं पखारूँ...
जो भी कहो करू मैं, तेरा कहा न टारू...
अपनी बंदगी के लायक, हे राधे मुझे बनाओ...
कर जोड़ के खड़ा हूँ, अपना हुकम सुनाओ...



तेरे सेवको का सेवक, दासो का दास हूँ मैं...
ऐसी करो व्यवस्था इन सब के साथ रहू मैं...
जो तुम से प्यार करते उनसे मुझे मिलाओ...
कर जोड़ के खड़ा हूँ, अपना हुकम सुनाओ...


और हे! अलबेली सरकार श्री राधे...


करके दया हे! राधे, नौकर मुझको रख लो...
दर पर उम्र गुजरेगी, इतनी तो कृपा कर दो...
अब आखरी घडी तक, मुझको तो तुम निभाओ...
कर जोड़ के खड़ा हूँ, अपना हुकम सुनाओ...


कर जोड़ के खड़ा हूँ, अपना हुकम सुनाओ...
कर जोड़ के खड़ा हूँ, अपना हुकम सुनाओ...




बरसाने वारी श्री राधा रानी के  दरबार के बारे में कौन नहीं जानता... जो कोई भक्त सच्चे ह्रदय से उनके दरबार में जाता है,  प्रेम और करुणा की साक्षात देवी श्री राधारानी अपने सभी भक्तो पर करुण कृपा करती है, इसलिए तो कहते है...


दरबार में राधा रानी के दुःख दर्द मिटाए जाते है...
दुनिया से सताये लोग यहाँ सीने से लगाये जाते है...


संसार नहीं रहने को यहाँ, दुःख ही दुःख है सहने को यहाँ...
भर भर के प्याले अमृत के, यहाँ रोज़ पिलाए जाते हैं...
दरबार में राधा रानी के दुःख दर्द मिटाए जाते है...
दुनिया से सताये लोग यहाँ सीने से लगाये जाते है...


पल पल में आस निराश भई, दिन-दिन घटती पल-पल रहती...
दुनिया जिनको ठुकरा देती, वो गोद बिठाये जाते है...
दरबार में राधा रानी के दुःख दर्द मिटाए जाते है...
दुनिया से सताये लोग यहाँ सीने से लगाये जाते है...



जो राधा राधा कहते है, वो प्रिया शरण में रहते हैं...
करती है कृपा, वृषभानु सुता, वही महल बुलाये जाते है...
दरबार में राधा रानी के दुःख दर्द मिटाए जाते है...
दुनिया से सताये लोग यहाँ सीने से लगाये जाते है...


वो कृपामयी कहलाती है, रसिको के मन को भाती है...
दुनिया में जो बदनाम हुए, पलकों पे बिठाये जाते है...
दरबार में राधारानी के दुःख दर्द मिटाए जाते है...
दुनिया से सताये लोग यहाँ सीने से लगाये जाते है...
       

                     !! जय जय श्री राधे !!
                     !! जय जय श्री राधे !!
                     !! जय जय श्री राधे !!





































श्री राधे से रस ऊपजे, रस से रसना गाय...
हे! कृष्णप्रिया जू लाडली, तु मोपे रहियो सहाय..


श्री वृन्दावन के वृक्ष को मरम न जाने कोय...
जहाँ डाल डाल और पात पे श्री राधे राधे होय...


श्री वृन्दावन बानिक बन्यो जहाँ भ्रमर करत गुंजार...
अरी दुल्हिन प्यारी राधिका, अरे दूल्हा नन्दकुमार...


श्री वृन्दावन सो वन नहीं, बरसना सो गाँव...
बन्सीवट सो वट नहीं, श्री राधा नाम सो नाम...


सब द्वारन को छाँड़ि के, अरे आयी तेरे द्वार...
हे! वृषभानु की लाडली, तू मेरी ओर निहार...


श्री राधे मेरी स्वामिनी मैं राधे जी को दास...
जनम जनम मोहे दीजियो श्री वृन्दावन वास...
 



!! जय जय श्री राधे !!
!! जय जय श्री राधे !!
!! जय जय श्री राधे !!

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