!! ॐ !!


Tuesday, November 9, 2010

!! माँ की ममता बड़ी निराली, समझ नहीं कोई पाया...!!



मातृशक्ति, सृष्टि की रचना के साथ ही पूजनीय है... देवियों की पूजा, माँ की महिमा व महत्व को ही रेखांकित करती हैं...विश्व भर में मातृशक्ति की पूजा की जाती है...सच कहू तो, "माँ" इस एक शब्द में इतनी ममता घुली है, जितना सागर में पानी...


आइये सभी मिल उस मातृशक्ति का आवाहन कर करवद्ध इन भावो के साथ उनकी वंदना करे...



जब जब तेरी याद सताये, दर तेरे हम आये...
दे दे दर्शन मुझको मैया, क्यूँ तू यूँ तरसाये...
जब जब तेरी याद सताए, दर तेरे हम आये...
दे दे दर्शन मुझको मैया, क्यूँ तू यूँ तरसाये...


माँ बेटे का रिश्ता मैया, होता बड़ा ही पावन...
बेटा जो रूठे तो मैया, देती लोभ लुभावन...
मात यशोदा और कोशल्या, बड़े ही लाड लड़ाये...
दे दे दर्शन मुझको मैया, क्यूँ तू यूँ तरसाये...


माँ की ममता बड़ी निराली, समझ नहीं कोई पाया...
देवों का मन माँ की ममता, पाने को ललचाया...
ले गोद में अनसुया, देवों को दुध पिलाये...
दे दे दर्शन मुझको मैया, क्यूँ तू यूँ तरसाये...


हो बेटा मानव या दानव, सब पर करती समता...
फैला कर आंचल माँ अपना, देती छाया ममता...
महिषासुर जैसे को मैया, भव से पार लगाये...
दे दे दर्शन मुझको मैया, क्यूँ तू यूँ तरसाये...


साकार करो मेरा यह जीवन, दे कर मैया दर्शन...
'टीकम' तो बालक है तेरा, भोला है इसका मन...
करेगा सेवा तेरी मैया, तू जो भी फरमाये...
दे दे दर्शन मुझको मैया, क्यूँ तू यूँ तरसाये...


जब जब तेरी याद सताये, दर तेरे हम आये...
दे दे दर्शन मुझको मैया, क्यूँ तू यूँ तरसाये...


                             !! जय माता दी !!
                             !! जय दादी की !!
                             !! जय मैया की !!


           भाव के रचियता : "श्री महाबीर सराफ जी"

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