हे! मेरे प्रिय श्यामसुन्दर... हे मेरे प्यारे ठाकुर...
जो भी मुझे मिला है, तेरे दर से ही मिला है...
हुआ धन्य मेरा जीवन, तेरा प्यार जो मिला है...
हुआ धन्य मेरा जीवन, तेरा प्यार जो मिला है...
जो भी मुझे मिला है, तेरे दर से ही मिला है...
हे मेरे गोविन्द...
मेरी जिंदगी सजाकर, अपना बनाया तुने...
अंतःकरण जगाकर, क्या क्या दिखाया तुने...
जो खो गया था मुझसे, वापस मुझे मिला है...
हुआ धन्य मेरा जीवन, तेरा प्यार जो मिला है...
हे कृपानिधान भगवन...
इतनी ही है तमन्ना, इतनी ही चाह मेरी...
फिर से न खो मैं जाऊं, रूठे कृपा न तेरी...
शिकवा ना है शिकायत, ना मुझे कोई गिला है...
हुआ धन्य मेरा जीवन, तेरा प्यार जो मिला है...
हे मेरे दीनबंधु ठाकुर...
तुम हो जगत के स्वामी, तुझमे ही जग समाया...
हर सै में वास तेरा, हर सै में तेरी छाया...
कांटो के बीच में ही, देखो सुमन खिला है...
हुआ धन्य मेरा जीवन, तेरा प्यार जो मिला है...
हे भक्तवत्सल, हारे के सहारे...
बनकर के दीप पथ का, जग को मैं दू उजाला...
औरों के अश्क पौंछु, छलकू ज्यूँ रस का प्याला...
'नंदू' मिली जो मस्ती, भगवन तेरा सिला है...
हुआ धन्य मेरा जीवन, तेरा प्यार जो मिला है...
हे मेरे प्रिय श्यामसुन्दर...
जो भी मुझे मिला है, तेरे दर से ही मिला है...
हुआ धन्य मेरा जीवन, तेरा प्यार जो मिला है...
हुआ धन्य मेरा जीवन, तेरा प्यार जो मिला है...
जो भी मुझे मिला है, तेरे दर से ही मिला है...
!! जय हो सैदव प्यारे श्यामसुन्दर जी की !!
!! जय हो सैदव प्यारे श्यामसुन्दर जी की
भजन : 'श्री नंदू जी'
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