!! ॐ !!


Thursday, August 11, 2011

!! तेरी प्रतिमा इतनी सुन्दर, तु कितना सुन्दर होगा... !!



सर्वांग सुन्दर श्री श्यामसुन्दर जिनकी अंगकान्ति श्याम है, जो नित्य तरुण पीताम्बरधारी और विभिन्न वनमालाओं एवं रत्नजड़ित आभूषणों से विभूषित रहते है... जिनके अधरों पे नित्य मुरली सुशोभित होती है... जिनके मुखारबिन्द पर मंद-मंद मुस्कान की छटा छायी रहती है... कौस्तुभ मणि जिनके वक्षस्थल की शोभा बढ़ाती रहती है... जिनके श्रीवत्सभूषित वक्ष में साक्षात श्री राधारानी का निवास रहता है... जो शरत्‌काल की पूर्णिमा के चंद्रमा की प्रभा से सेवित मुखचन्द्र के कारण अत्यंत ही मनोहर जान पड़ते है... कामदेव की कान्ति से युक्त रूप-लावण्य उनके सौंदर्य को और भी बढ़ाते रहते है... ऐसे श्रीनिधि की अपूर्व शोभा से युक्त इस श्री विग्रह का अनुपम दर्शन कर हम सभी का ह्रदय कैसे अपने वश में हो सकता है... ह्रदय में केवल यही भाव आते रहते है कि, जिनकी मूर्तरूप प्रतिमा इतनी सुन्दर हो, वो स्वयं कितना सुन्दर होगा...



हे प्रिय श्यामसुन्दर, हे कमलनयन मुरलीधर...



तुझे देखकर श्याम हमारा, मन वश में क्यूँ कर होगा...
तुझे देखकर श्याम हमारा, मन वश में क्यूँ कर होगा...
तेरी प्रतिमा इतनी सुन्दर, तु कितना सुन्दर होगा...
तु कितना सुन्दर होगा...



तुझे देखने को मैं क्या, हर सेवक तरसा करता है...
इन नयनो से झर-झर कर यूँ सावन बरसा करता है...
इन्द्र धनुष की छटा बिखेरे, रूप का तु सागर होगा...
तेरी प्रतिमा इतनी सुन्दर, तु कितना सुन्दर होगा...
तु कितना सुन्दर होगा...



श्याम वर्ण नंद के नंदन, अधरो पे मुरली प्यारी है...
तेरी बांकी अदाये यु लागे, ज्यूँ तिरछी कोई कटारी है..
अम्बर से अमृत बरसेगा, सामने प्यारे जब तु होगा...
तेरी प्रतिमा इतनी सुन्दर, तु कितना सुन्दर होगा...
तु कितना सुन्दर होगा...



हे कमलनयन, मुरलीवाले, भक्तो को यूँ तरसाओ ना...
नयनो की प्यास बुझा दो, तुम अपनों पे सितम यूँ ढाओ ना...
तेरा रूप निरखने को तेरे, 'हर्ष' का मन आतुर होगा...
तेरा रूप निरखने को तेरे, भक्त का मन आतुर होगा...
तेरी प्रतिमा इतनी सुन्दर, तु कितना सुन्दर होगा...
तु कितना सुन्दर होगा...



तुझे देखकर श्याम हमारा, मन वश में क्यूँ कर होगा...
तुझे देखकर श्याम हमारा, मन वश में क्यूँ कर होगा...
तेरी प्रतिमा इतनी सुन्दर, तु कितना सुन्दर होगा...
तु कितना सुन्दर होगा...



!! जय जय सर्वांग सुन्दर श्री श्यामसुन्दर जी की !!
!! जय जय सर्वांग सुन्दर श्री श्यामसुन्दर जी की !!
!! जय जय सर्वांग सुन्दर श्री श्यामसुन्दर जी की !!



भजन : "श्री विनोद जी अग्रवाल"

2 comments:

  1. जिसकी महिमा इतनी सुन्दर वो कितना सुन्दर होगा
    जय हो बाँके बिहारी।

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  2. BHAGAWAN KA RUP KE BARNAN NAHI KAR SAKTE.SIRF ETNA
    KARNA HE, BAS,RUP NIHAR KE MAN RUPI NAYEN KA PYAS METANA CHAHIYE.

    ReplyDelete

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