श्री मोरवीनंदन श्याम बिहारी की असवारी लीला घोड़ा है... और ऐसा सभी जानते है, कि वो तो बाबा को परम प्रिय है, और सदा उनके पास रहता है...उस लीले घोड़े पे असवार होकर ही श्यामधणी अपने भक्तो के पास आते है... तो आइये चलिए, आज हम सब अरज लीला घोड़े से करते है, कि वो बाबा को बेगा सा अपने भक्तो से मिलवाए...
लीला रे म्हाने श्याम सूं मिला दे, लीला रे म्हाने श्याम सूं मिला दे...
छम छम करतो बेगो आ, श्यामधणी न सागे ला...
छम छम करतो बेगो आ, श्यामधणी न सागे ला...
तू तो ह बाबा की सवारी, तेरे बिन हाले न बिहारी...
ओ अरजी म्हारी लेतो जा, श्यामधणी न सागे ला...
छम छम करतो बेगो आ, श्यामधणी न सागे ला...
साँवरिये ने अरज सुना दे, तू भी थोरो जोर लगा दे...
आंखरलयारी री प्यास बुझा, श्यामधणी न सागे ला...
छम छम करतो बेगो आ, श्यामधणी न सागे ला...
तू सेवक बाबा को प्यारो, तेरे बस में श्याम हमारो...
सेवकिया री लाज निभा, श्यामधणी न सागे ला...
छम छम करतो बेगो आ, श्यामधणी न सागे ला...
आशा मन में तेरी भारी, कद आशी महरो श्याम बिहारी...
"नंदू" वादों करतो जा, श्यामधणी न बेगो ला...
छम छम करतो बेगो आ, श्यामधणी न सागे ला...
लीला रे म्हाने श्याम सुन मिला दे, लीला रे म्हाने श्याम सुन मिला दे...
छम छम करतो बेगो आ, श्यामधणी न सागे ला...
छम छम करतो बेगो आ, श्यामधणी न सागे ला...
!! खाटू नरेश के जय !!
!! शीश के दानी की जय !!
!! मोरवी नंदन श्री श्यामबिहारी की जय !!
भाव के रचियता : "श्री नंदू जी"
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