आज मेरे श्याम सांवरे से केवल एक यह अरदास है कि...
जीवन की हर शाम, मय श्याम बन जाये...
गाऊँ जहाँ भजन मै, हरिधाम बन जाये...
जीवन की हर शाम, मय श्याम बन जाये...
गाऊँ जहाँ भजन मै, हरिधाम बन जाये...
रहे दया जो तेरी, मुझपे ओ सांवरा...
झुमुं, नाचूँ, गाऊँ, मै होके बावरा...
बावरे का सांवरा, हर काम बन जाये...
गाऊँ जहाँ भजन मै, हरिधाम बन जाये...
जीवन की हर शाम, मय श्याम बन जाये...
गाऊँ जहाँ भजन मै, हरिधाम बन जाये...
मस्ती का हो आलम, भक्तों का जमघटा...
लगे जहाँ दरबार तेरा, हो तेरी छटा...
देखूँ तुझको सांवरा, रंग तेरा चढ़ जाये...
गाऊँ जहाँ भजन मै, हरिधाम बन जाये...
जीवन की हर शाम, मय श्याम बन जाये...
गाऊँ जहाँ भजन मै, हरिधाम बन जाये...
रंग तेरा बिखराऊँ, भक्तों में सांवरा...
हो जाये मगन सभी, जो लगन ऐसी लगा...
'टीकम' भी ओ सांवरा, हरिदास बन जाये...
गाऊँ जहाँ भजन मै, हरिधाम बन जाये...
जीवन की हर शाम, मय श्याम बन जाये...
गाऊँ जहाँ भजन मै, हरिधाम बन जाये...
!! जय हो मेरे सांवरे श्याम की !!
भाव के रचियता : "श्री महाबीर सराफ जी"
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