हे मेरे श्यामसुन्दर, हे मेरे गोविन्द, हे मेरे मोहन... तेरे दर पर दोनों हाथ पसार तुम्हारे श्री चरणों का दास तुमसे केवल यही एक प्रार्थना करता है, कि...
बनकर माँझी जीवन नैया, प्रभु तुमको पार लगानी है...
तेरे दर पर हाथ पसार खड़ा, मैं याचक और तू दानी है...
मैं जब भी दर पर आया हू, कुछ तुमसे कह नहीं पाया हूँ...
हिम्मत न हुई कुछ कहने की, फितरत मेरी शर्मानी है...
बनकर माँझी जीवन नैया, प्रभु तुमको पार लगानी है...
तेरे दर पर हाथ पसार खड़ा, मैं याचक और तू दानी है...
दुनिया की रीत रिवाजो से, मैं हार गया मैं हार गया...
अपने हारे इस बंदे को, प्रभु तुमको ही जीत दिलानी है...
बनकर माँझी जीवन नैया, प्रभु तुमको पार लगानी है...
तेरे दर पर हाथ पसार खड़ा, मैं याचक और तू दानी है...
मैंने एक घरोंदा साँवरिया, तिनके चुन चुन बनवाया है...
तिनको के ताने बाने की, प्रभु तुमको लाज निभानी है...
बनकर माँझी जीवन नैया, प्रभु तुमको पार लगानी है...
तेरे दर पर हाथ पसार खड़ा, मैं याचक और तू दानी है...
तू समरथ मैं कमजोर प्रभु, तेरे जोर से मैं इतराता हूँ...
नंदू 'विश्वास प्रभु सांचा, सांचो पे आंच न आनी है...
बनकर माँझी जीवन नैया, प्रभु तुमको पार लगानी है...
तेरे दर पर हाथ पसार खड़ा, मैं याचक और तू दानी है...
!! जय हो प्रिय श्यामसुन्दर जी की !!
!! जय हो प्रिय श्यामसुन्दर जी की !!
!! जय हो प्रिय श्यामसुन्दर जी की !!
भजन : "श्री नंदू जी"
keya sundar darsaya aap ne
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