वास्तव में मनुष्य जन्म ही सब जन्मो से सर्वोत्तम माना गया है, क्योकि प्रभु की कृपा से प्राप्त इस जीवन में ही मनुष्य श्री भगवान का शरणागत हो भगवद भजन कर प्रभु को प्राप्त कर सकता है... मनुष्य नाम उसी का है, जो प्रभु प्राप्ति का जन्म-जात अधिकारी हो... आइये हम सब भी उन्ही प्रभु की शरण में अपने शीश झुकाते हुये चले आये और अपने इस जीवन धन को धन्य करे...
साँवरे का ये दर, है बड़ा नामगर, सिर झुकाये हुये बस चले आइये...
साँवरे का ये दर, है बड़ा नामगर, सिर झुकाये हुये बस चले आइये...
पड़ गयी गर नजर, जाइयेगा संवर, सिर झुकाये हुये बस चले आइये...
पड़ गयी गर नजर, जाइयेगा संवर, सिर झुकाये हुये बस चले आइये...
जिनके दिल में कन्हैया की तस्वीर है, उनसे रूठी कभी भी ना तकदीर है...
जिनके दिल में कन्हैया की तस्वीर है, उनसे रूठी कभी भी ना तकदीर है...
जिनके दिल में कन्हैया की तस्वीर है, उनसे रूठी कभी भी ना तकदीर है...
साथ ये है अगर, क्यूँ करे हम फिकर, सिर झुकाये हुये बस चले आइये...
पड़ गयी गर नजर, जाइयेगा संवर, सिर झुकाये हुये बस चले आइये...
इनके जैसा जहान में ना दूजा कोई, विष को अमृत बनाते है पल में यही...
इनके जैसा जहान में ना दूजा कोई, विष को अमृत बनाते है पल में यही...
इनके जैसा जहान में ना दूजा कोई, विष को अमृत बनाते है पल में यही...
आइये हारकर, जाइये जीतकर, सिर झुकाये हुये बस चले आइये...
साँवरे का ये दर, है बड़ा नामगर, सिर झुकाये हुये बस चले आइये...
सबसे रिश्ता निभाया है 'संजू' यहाँ, श्याम से भी तो रिश्ता निभा लीजिए...
सबसे रिश्ता निभाया है 'संजू' यहाँ, श्याम से भी तो रिश्ता निभा लीजिए...
श्याम कृपा से पाया है मानव जनम, कुछ समय तो शरण में बिता लीजिए...
बीती जाये उमर, फिर भी हैं बेखबर, सिर झुकाये हुये बस चले आइये...
पड़ गयी गर नजर, जाइयेगा संवर, सिर झुकाये हुये बस चले आइये...
साँवरे का ये दर, है बड़ा नामगर, सिर झुकाये हुये बस चले आइये...
साँवरे का ये दर, है बड़ा नामगर, सिर झुकाये हुये बस चले आइये...
साँवरे का ये दर, है बड़ा नामगर, सिर झुकाये हुये बस चले आइये...
पड़ गयी गर नजर, जाइयेगा संवर, सिर झुकाये हुये बस चले आइये...
पड़ गयी गर नजर, जाइयेगा संवर, सिर झुकाये हुये बस चले आइये...
आप सभी इस सुन्दर भाव को नीचे दी गयी लिंक पर क्लीक कर सुन भी सकते है...
आप सभी इस सुन्दर भाव को नीचे दी गयी लिंक पर क्लीक कर सुन भी सकते है...
!! जय हो साँवरे सलोने प्रिय श्यामसुन्दर जी की !!
!! जय हो साँवरे सलोने प्रिय श्यामसुन्दर जी की !!
!! जय हो साँवरे सलोने प्रिय श्यामसुन्दर जी की !!
यह भाव "जिंदगी का सफर, है ये कैसा सफर, कोई समझा, नहीं कोई जाना नहीं" गीत के तर्ज़ पर आधारित है...
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