हे मेरे प्यारे श्यामसुन्दर... हे मेरे मोहन...
लो आ गया अब तो श्याम, मैं शरण तेरी...
लो आ गया अब तो श्याम, मैं शरण तेरी...
जाने कहाँ कहाँ पर, भटका तेरा दीवाना...
दर ये तेरा दयालु, मेरा आखिरी ठिकाना...
जिसपे किया भरोसा, उसने ही आँख फेरी...
लो आ गया अब तो श्याम, मैं शरण तेरी...
मुझे थाम ले दुःखो से, आया हूँ हार करके...
थक सा गया हूँ प्यारे, जग को पुकार करके...
एक आश दिल में मेरे, बाकी है श्याम तेरी...
लो आ गया अब तो श्याम, मैं शरण तेरी...
चरणों की धूल दे दे, मुझको भी हे दयालु...
भटका हूँ जिसकी खातिर, सच्ची खुशी वो पा लू...
ऐ 'हर्ष' तू बता दे, किस बात की है देरी...
लो आ गया अब तो श्याम, मैं शरण तेरी...
लो आ गया अब तो श्याम, मैं शरण तेरी...
लो आ गया अब तो श्याम, मैं शरण तेरी...
!! जय हो सैदव प्रिय श्री श्यामसुन्दर जी की !!
!! जय हो सैदव प्रिय श्री श्यामसुन्दर जी की !!
भजन : "श्री विनोद जी अग्रवाल"
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