!! ॐ !!


Monday, June 21, 2010

!! हे! श्यामसुन्दर अब तेरे ही भरोसे तेरा ये मीत है !!



हे! श्यामसुन्दर अब तेरे ही भरोसे तेरा ये मीत है....



मैंने अब छोड़ी चिंता, तेरा जब साथ पाया...
तुझे जब भी पुकारा, अपने ही पास पाया...


दुनिया ने जब रुलाया, तुने गले लगाया....
मुझे ख़ाक से उठाकर, गोदी में ला बिठाया....


मैंने जिनको प्यार बांटा, उनसे मिली रुखाई...
नफरत मिली जहान से, तुझसे ही प्यार पाया...


कभी मुझपे जान छिडकते, मुखरा उन्ही ने मोड़ा...
उनकी गली में सीना, मुझे तान के चलाया....


तेरे इस मीत ने कन्हैया, खेली हैं ऐसे बाजी...
मैं हार के ज़माना, मेरे श्याम को जीत लाया...


दुनिया ने जब रुलाया...तुने गले लगाया....
मुझे ख़ाक से उठाकर, गोदी में ला बिठाया....


मैंने अब छोड़ी चिंता, तेरा जब साथ पाया...
तुझे जब भी पुकारा, अपने ही पास पाया...


!! जय जय श्री श्यामसुन्दर जी !!

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