!!!! यह पेज मेरे प्रिय श्री श्यामसुन्दर जी और श्री राधारानी जी के श्री चरणों में समर्पित हैं !!!!
This Page is Dedicated to the Lotus Feet of Shri Shyamsundar Ji and Shri Radharani Ji
!! ॐ !!
Monday, June 7, 2010
!! श्री श्री धाम वृंदावन के श्री राधा श्यामसुन्दर जी !! Shri Radha Shyamsundar Ji of Shri Dham Vrindavan
श्री धाम वृंदावन में विराजित श्री राधा श्यामसुन्दर जी का श्री विग्रह
Mukesh K Agrawal's Photos - Wall Photos
हे! श्री धाम वृन्दावन के श्री श्यामसुंदर जी इस जगत के तरह तरह के निराले रंग ढंग देखकर मेरा मन बहुत ही आहत है, अत: ये बार बार आपके श्री चरणों में यही प्रार्थना करता हैं कि...
जगत के रंग क्या देखूँ, तेरा दीदार काफी हैं...हे गोविन्द! तेरा दीदार काफी हैं.. करूँ मैं प्यार किस-किस से, तेरा एक प्यार काफी है...हे गोविन्द! तेरा एक प्यार काफी है..
नहीं चाहिये ये दुनिया के, निराले रंग ढंग मुझको...हे गोविन्द! निराले रंग ढंग मुझको... चला जाऊं मैं वृन्दावन, तेरा दरबार काफी हैं...हे गोविन्द! तेरा दरबार काफी है..
जगत के रंग क्या देखूँ, तेरा दीदार काफी हैं.. हे गोविन्द! तेरा दीदार काफी हैं.. करूँ मैं प्यार किस-किस से, तेरा एक प्यार काफी है...हे गोविन्द! तेरा एक प्यार काफी है...
जगत के साजे बाजो से, हुए है कान अब बहरे...हे गोविन्द! हुए है कान अब बहरे... कहाँ जाके सुनु अनहद, तेरी झंकार काफी हैं...हे गोविन्द! तेरी झंकार काफी हैं...
जगत के रिश्तेदारों ने, बिछाया जाल माया का...हे गोविन्द! बिछाया जाल माया का... तेरे भक्तो से हो प्रीति, तेरा परिवार काफी है...हे गोविन्द! तेरा परिवार काफी है...
करूँ मैं प्यार किस-किस से, तेरा एक प्यार काफी है...हे गोविन्द! तेरा एक प्यार काफी है... करूँ मैं प्यार किस-किस से, तेरा एक प्यार काफी है...हे गोविन्द! तेरा एक प्यार काफी है...
जगत की झूठी रोशनी से, है आँखे भर गयी मेरी...हे गोविन्द! है आँखे भर गयी मेरी... मेरी आँखों में हो हरदम, तेरा चमकार काफी है...हे गोविन्द! तेरा चमकार काफी है...
जगत के रंग क्या देखूँ, तेरा दीदार काफी हैं...हे गोविन्द! तेरा दीदार काफी हैं... करूँ मैं प्यार किस-किस, तेरा एक प्यार काफी है...हे गोविन्द! तेरा एक प्यार काफी है...
करूँ मैं प्यार किस-किस से, तेरा एक प्यार काफी है...हे गोविन्द! तेरा एक प्यार काफी है... करूँ मैं प्यार किस-किस से, तेरा एक प्यार काफी है...हे गोविन्द! तेरा एक प्यार काफी है...
हे इष्टदेव, कुलदेव म्हारा श्यामधणी, थारे द्वार पे उभा थारा टाबरिया थां
सूँ या ही अरज करे ह... हे खाटू के श्याम प्रभु, मुझे दरस दिखा देना...मेरी
भूल क्षमा...
JAI SHRI RADHE KRISHANA.....HARE KRISHANA HARE KRISHANA KRISHANA KRISHANA HARE HARE HARE RAMA HARE RAMA RAMA RAMA HARE HARE.....
ReplyDeleteVery nice
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