आज श्री धाम वृंदावन के श्री श्यामसुन्दर जी के दैनिक अलौकिक छवि के दर्शन इस्कोनवृंदावन.कॉम में करके मेरा मन बहुत ही प्रसन्न और चंचलित हो, श्री श्यामसुन्दर जी से केवल यही कहता है कि....
किसने सजाया तुमको, श्यामसुन्दर..?
बड़ा प्यारा लागे, बड़ा सोहना लागे....
तुझे हार गुलाबी, किसने पहनाया....?
किसने चन्दन का, तुझे तिलक लगाया....?
केशरिया वस्त्र तो पे, सोहे श्यामसुन्दर.....
बड़ा प्यारा लागे, बड़ा सोहना लागे....
अधरों पे मुरली, मीठी मुस्काना..
तेरा रूप देखकर, हो गया मैं दीवाना...
बन्ना सा आज मोहे, लागे श्यामसुन्दर....
बड़ा प्यारा लागे, बड़ा सोहना लागे....
मेरे श्यामसुन्दर तुझको, इस दिल में बसा लू...
इस प्यारी छवि को, पलकों में छिपालू ...
आँखों से मेरी ओझल, न होना श्यामसुन्दर....
बड़ा प्यारा लागे, बड़ा सोहना लागे.....
ये युगल छवि तो, मेरे मन को मोहे...
इस युगल छवि पे जाऊ, बलिहार श्यामसुन्दर...
बड़ा प्यारा लागे, बड़ा सोहना लागे.....
किसने सजाया तुमको श्यामसुन्दर..?
बड़ा प्यारा लागे, बड़ा सोहना लागे....
"छवि" सौजन्य से : श्री अंकित अग्रवाल जी
!! जय जय श्री राधा श्यामसुन्दर जी !!
jai shree shyam...
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