म्हारा कुल रा देव, म्हारा प्राण सुं प्यारा, मोरवीनंदन "श्यामधणी"
ओ म्हारा धणी! आज म्हाने थारी घनि ओल्युं आ रही ह... कितनो धन्य धन्य भाग्य यो म्हारो ह...जो थां सो दानी, पराक्रमी, करुणा रा भण्डार, हारे रा सहारा, श्रीश्यामसुन्दर रा परमप्रिय देव म्हाने कुलदेवता रा रूप म मिल्या ह... थारी श्री चरणा री प्रीत रो यो याचक थारे द्वार पर खड्यो थांसू विनती करे ह, कि एक बार म्हाने हिवडे सुं तो लगाओ...
ओ म्हारा धणी! थारो ही तो म्हारो इष्ट ह, और थे ही तो म्हारा प्राण प्यारा हो... थारे प्रीत रा बिना म्हे कईया जीवस्यां... इसलिए ओ धणी! थारा इ टाबर न भूल बिसर मत जाज्यो...म्हे तो थारे स केवल एक ही वर माँगा ह कि, म्हे नित-निरंतर थारा श्री चरणा रा दास बनया रहवा और थारो करूणा रो हाथ सदैव म्हारे सिर पर रहवे...
म्हे नित लेवा जी थारो नाम, म्हारा बाबा थाने राम राम
ओ भूल बिसर मत जाज्यो जी, थारे टाबर न
म्हाने हिवड़े सुं लगाईज्यो, म्हारा श्याम जी...
ओ सब न राजी राखिज्यो, म्हारा श्याम जी...
साँवरा मोटाधणी, सारा जग म थारो नाम ह...
बड़ा-बड़ा थे काज सारो, छोटो सो म्हारो काम ह...
अरजी करनी फ़रज ह म्हारो, जोर कुछ चाले नहीं...
थारी मरजी के बिना, एक पत्तो भी हाले नहीं...
नित उठ थारो ध्यान धरां म्हे, घनि करां मनुहार...
ओ थे पलक उठावो जी, म्हारा श्याम जी...
म्हाने हिवड़े सुं लगाईज्यो, म्हारा श्याम जी...
ओ सब न राजी राखिज्यो, म्हारा श्याम जी...
थारो ही तो म्हारो इष्ट ह, और थां म ही म्हारा प्राण ह...
थे ही अगर रूठ गया तो, फिर जीनो को काइ काम ह...
भूल म्हारी माफ़ करदयों, चरणा सुं ल्यो लगाओ...
ठोकरां खाई घनि अब, आके सही रास्तो बताओ...
थारे बिना कईया जीवस्यां बाबा, थे भी न बिसराओ...
ओल्युं थारी आवे जी, म्हारा श्याम जी...
कितनो बड़ो म्हारो भाग ह, कि थां सो कुलदेव मिल्यो...
म्हाने हिवड़े सुं लगाईज्यो, म्हारा श्याम जी...ओ सब न राजी राखिज्यो, म्हारा श्याम जी...
थे ही म्हारी ज़िन्दगी हों, और थां पे ही दाराम्दार ह...
थोड़ो थोड़ो म्हारा नेड़ा आओ, जी स म्हारो बड़ो पार ह...
"चंदा" थाने के कहवे, कि थे ही जगत का नाथ हो...
हर साल ही खाटू आऊं मैं, और म्हारा परिवार साथ हो...
'भगवानो' थारो दास रहवे, बी क सिर पर थारो हाथ...
यो ही वर माँगा जी, म्हारा श्याम जी...
म्हाने हिवड़े सुं लगाईज्यो, म्हारा श्याम जी...
ओ सब न राजी राखिज्यो, म्हारा श्याम जी...
म्हारा मनरा री आस पूरण करज्यो, म्हारा श्याम जी...
!! लखदातर की जय !!
!! खाटू नरेश की जय !!
!! हारे के सहारे की जय !!
!! शीश के दानी की जय !!
!! तीन बाण धारी की जय !!
!! म्हारा श्यामधणी की जय !!
!! मोरवीनंदन बाबा श्याम की जय !!