!! मेरे श्यामसुंदर बिहारी, तेरी महिमा है न्यारी !!
वृंदावन के मेरे, श्यामसुन्दर बिहारी...
आया हूँ प्रभु, शरण तिहारी...
हारे हुए का, तुम हो सहारा...
कहलाये जग में, प्रभु कष्टहारी...
मैं भी शरण में, तुम्हारी पड़ा हूँ...
तारो न तारो, हैं मर्ज़ी तुम्हारी...
मेरे ह्रदय का, अरमान हैं ये...
निगाहों में बस जाये, सूरत तुम्हारी...
आठो प्रहर मैं, तुम्हे ही निहारूँ...
बाते करूँ तो, करूँ मैं तुम्हारी...
मुझे प्रीत तुमसे, हुई श्याम प्यारे...
तुम्हे प्रीत भाई, तो होगी हमारी...
माया में लिपटा, हुआ जीव मैं हूँ...
दया की नज़र, मुझ पे करना मुरारी...
जब भी जनम लू, बनू दास तेरा...
सेवा में अपनी, लगाना बिहारी...
मेरे ह्रदय पुंज में, गूंज गूंजे...
श्री राधे, श्री राधे, श्री राधे प्यारी...
श्यामसुन्दर बिहारी, मेरे गिरधारी...
श्री राधे, श्री राधे, श्री राधे प्यारी...
वृंदावन के मेरे, श्यामसुन्दर बिहारी...
आया हूँ प्रभु, शरण तिहारी...
हारे हुए का, तुम हो सहारा...
कहलाये जग में, प्रभु कष्टहारी...
!! जय जय श्री श्यामसुन्दर जी !!
आप के प्रभु शरणागत भाव को कोटि-कोटि प्रणाम!
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