!! ॐ !!


Friday, December 17, 2010

!! ओ टेढ़ी नजरों के तीर चलाये जा...!!



ओ मोर मुकुट वारे, घूंघराली लट वारे, टेढ़ी-टेढ़ी चित्तवन वारे, टेढ़ी लकुटी कमरिया वारे, ओ टेढ़ी नजरों से तीर चलाकर मुझे घायल करने वारे... मुझे निज नजरों से घायल कर अब क्यों नैन चुरा रहे हो... और बैठे-बैठे अधरन पर मुरली लगा कर मुस्करा रहे हो...


हाय रे बेदर्दी!!! तुझे जरा सा दरद भी नहीं होता, क्यों जले पर नोन छिडकते हो...? अरे! अपने इस प्रेमी के चित्त को चुराने वारे चित्तचोर सांवरिया, प्रीत की रीत निभाने के लिए आजा न एक बार... अपना चंदा सा मुखड़ा दिखा जा न... और मेरे इन नयनों के बीच समां जा न...प्रेम सुधा रस बरसा जा न एक बार...




ओ अपना चंदा सा मुखड़ा दिखाये जा...
ओ अपना चंदा सा मुखड़ा दिखाये जा...
हय! मोर मुकुट वारे, घूंघराली लट वारे...
हय! मोर मुकुट वारे, घूंघराली लट वारे...



ओ अपना चंदा सा मुखड़ा दिखाये जा...
ओ अपना चंदा सा मुखड़ा दिखाये जा...

 

तौ बिन मोहन चैन पड़े न, तौ बिन मोहन चैन पड़े न...
नयनों से उलझाये नयना, नयनों से उलझाये नयना...
ओ मेरी अंखियन बीच समाये जा...
अपना चंदा सा मुखड़ा दिखाये जा...

 
 
हय! मोर मुकुट वारे, घूंघराली लट वारे...
ओ अपना चंदा सा मुखड़ा दिखाये जा...
 


बेदर्दी तोहे दर्द न आवे, बेदर्दी तोहे दर्द न आवे...
काहे जले पे नोन लगावे, काहे जले पे नोन लगावे...
ओ आजा प्रीत की रीत निभाये जा...
ओ अपना चंदा सा मुखड़ा दिखाये जा...
 

 
हय! मोर मुकुट वारे, घूंघराली लट वारे...
ओ अपना चंदा सा मुखड़ा दिखाये जा...
 


बांसुरी अधरन धर मुस्कावे, बांसुरी अधरन धर मुस्कावे...
घायल कर क्यूँ नैन चुरावे, घायल कर क्यूँ नैन चुरावे...
ओ आजा श्याम पिया आये जा आये जा...
ओ अपना चंदा सा मुखड़ा दिखाये जा...

 
 
हय! मोर मुकुट वारे, घूंघराली लट वारे...
ओ अपना चंदा सा मुखड़ा दिखाये जा...

 
 
काहे तौं संग प्रीत लगाई, काहे तौं संग प्रीत लगाई...
निष्ठुर निकला तू हरजाई, निष्ठुर निकला तू हरजाई...
ओ लागा प्रीत का रोग मिटाये जा...
ओ अपना चंदा सा मुखड़ा दिखाये जा...
 


हय! मोर मुकुट वारे, घूंघराली लट वारे...
ओ अपना चंदा सा मुखड़ा दिखाये जा...
 


टेढ़ी तेरी लकुटी कमरिया, टेढ़ी तेरी लकुटी कमरिया...
टेढो तू चित्त चोर सांवरिया, टेढो तू चित्त चोर सांवरिया...
ओ टेढ़ी नजरों के तीर चलाये जा...
ओ अपना चंदा सा मुखड़ा दिखाये जा...

 
 
हय! मोर मुकुट वारे, घूंघराली लट वारे...
ओ अपना चंदा सा मुखड़ा दिखाये जा...

 
 
काँधे पे तोरे कारी कमरिया, काँधे पे तोरे कारी कमरिया
अलके है जैसे कारी बदरिया, अलके है जैसे कारी बदरिया
ओ कान्हा प्रेम सुधा बरसाए जा...
ओ अपना चंदा सा मुखड़ा दिखाये जा...
 


हय! मोर मुकुट वारे, घूंघराली लट वारे...
ओ टेढ़ी नजरों के तीर चलाये जा...
ओ कान्हा प्रेम सुधा बरसाए जा...
ओ अपना चंदा सा मुखड़ा दिखाये जा...

 
 
!! मोर मुकुट वारे की जय !!
!! घूंघराली लट वारे की जय !!
!! टेढ़ी-टेढ़ी चित्तवन वारे की जय !!
!! टेढ़ी लकुटी कमरिया वारे की जय !!

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