आइये आज आप सभी को मैं, अपने एक भोले भाले एवं इस जग से निराले एक साथी से रूबरू कराता चलू...
मेरा एक साथी है, बड़ा ही भोला भाला है...
मिले ना उस जैसा, वो जग से निराला है...
जब जब दिल ये, उदास होता है...
मेरा मुरली वाला, मेरे पास होता है...
जब तक रहा अकेला, बड़ा दुःख पाया मैं...
जब जब दुःख ने घेरा, बड़ा घबराया मैं...
इस सारी दुनिया में, कन्हैया का सहारा है...
मिले ना उस जैसा, वो जग से निराला है...
जब जब दिल ये, उदास होता है...
मेरा मुरली वाला, मेरे पास होता है...
नयी नयी पहचान, बदल गयी रिश्ते में...
'बनवारी' मेरा सौदा, पट गया सस्ते में...
गिरा में जब जब भी, उसी ने संभाला है...
मिले ना उस जैसा, वो जग से निराला है...
जब जब दिल ये, उदास होता है...
मेरा मुरली वाला, मेरे पास होता है...
मेरा एक साथी है, बड़ा ही भोला भाला है...
मिले ना उस जैसा वो जग से निराला है...
जब जब दिल ये उदास होता है...
मेरा मुरली वाला मेरे पास होता है...
!! जय जय हो प्रिय श्यामसुन्दर की !!
!! जय जय हो प्रिय श्यामसुन्दर की !!
भाव प्रस्तुति : "श्री जय शंकर जी"
सच कह रहे हैं…………मुरली वाले की जय और उसे तथा आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteप्यारी वंदना दीदी... आपको भी शुभमंगलकामनाये... आपके सुहृदय में श्री श्यामसुन्दर जी के लिये प्रेम की उत्तरोंतर वृद्धि होती रहे ऐसी मेरी कामना है...
ReplyDeleteजय जय श्री श्यामसुन्दर जी की
सब पर प्रभु की कॄपा हो। आपको नया साल मुबारक हो।
ReplyDeleteअमित जी...
ReplyDeleteआपको भी नव वर्ष २०११ की शुभमंगलकामना... जय जय सो सैदव प्रभु की एवं प्रभु प्रेमियों की...
विचारों से ओत-प्रोत सुन्दर रचना!
ReplyDeleteनववर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएँ!
श्री शास्त्री जी आप श्री को भी नववर्ष २०११ की हार्दिक शुभ मंगलकामना...
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुतिकरण..नया साल मुबारक हो।
ReplyDeleteश्री राज जी आपको भी नया साल मुबारक हो...
ReplyDelete