!! ॐ !!


Monday, December 20, 2010

!! सूपणों जगायो आधी रात रे, आयो सांवरो... !!



कहते है प्रभु अपने निज प्रेमी को किसी न किसी माध्यम से अपने श्री दर्शन जरुर करवाते है... और जब कोई साँवरा श्यामसुन्दर का प्रेमी, उनसे मिलन की चाह लिये रात्रि की शांत एवं मधुर बेला में अपने साँवरे का स्मरण करता हुआ शयन करता है तो, प्रभु अनायास ही स्वप्न के माध्यम से उस प्रेमी के सामने प्रकट हो जाते है... इस अंतराल में जब सहसा उसकी नींद टूटती है तो, वह प्रेमी उठ कर इस प्रकार से अपने हृदय के भावो की अभिव्यक्ति करता है...




सूपणों जगायो आधी रात रे, आयो सांवरो...
सांवरो बुलावे रे, नींद कोणी आवे...
सूपणों जगायो आधी रात रे, आयो सांवरो...
सांवरो बुलावे रे, नींद कोणी आवे...



नींद म सुतो थो मैं, आयो साँवरियो, म्हाने जगायों, ओ म्हाने जगायों...
नींद म सुतो थो मैं, आयो साँवरियो, म्हाने जगायों, ओ म्हाने जगायों...
म्हारी बैया पकड़ ली ह माय रे, आयो सांवरो...
सांवरो बुलावे रे, नींद कोणी आवे...



सूपणों जगायो आधी रात रे, आयो सांवरो...
सांवरो बुलावे रे, नींद कोणी आवे...



पहल पहल मैं, घणों घबड़ायो, समझ न पायो, ओ समझ न पायो...
पहल पहल मैं, घणों घबड़ायो, समझ न पायो, ओ समझ न पायो...
पाछे समझ म आई सारी बात रे, आयो सांवरो...
सांवरो बुलावे रे, नींद कोणी आवे...



सूपणों जगायो आधी रात रे, आयो सांवरो...
सांवरो बुलावे रे, नींद कोणी आवे...



साँवरियो ह म्हारो, प्राण पियारो, हिवड़े सु प्यारो, ओ हिवड़े सु प्यारो...
साँवरियो ह म्हारो, प्राण पियारो, हिवड़े सु प्यारो, ओ हिवड़े सु प्यारो...
मैं तो चल्यो रे सांवरिया के साथ रे, आयो सांवरो...
सांवरो बुलावे रे, नींद कोणी आवे...



सूपणों जगायो आधी रात रे, आयो सांवरो...
सांवरो बुलावे रे, नींद कोणी आवे...
सूपणों जगायो आधी रात रे, आयो सांवरो...
सांवरो बुलावे रे, नींद कोणी आवे...



!! जय जय म्हारा साँवरा श्यामसुन्दर !!
!! जय जय म्हारा साँवरा श्यामसुन्दर !!
!! जय जय म्हारा साँवरा श्यामसुन्दर !!

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